लोकसभा चुनाव में विपक्ष को एकजुट करने की कवायद पर पानी फिरता नजर आ रहा है। तृणमूल कांग्रेस, सपा जैसे कई क्षेत्रीय दलों ने गैर भाजपा-गैर कांग्रेस मोर्चा के गठन की तैयारी शुरू कर दी है।
शुक्रवार को इस क्रम में जहां सपा और तृणमूल कांग्रेस ने हाथ मिलाया, वहीं बीजेडी-जदयू ने भी इस मोर्चे में दिलचस्पी दिखाई है। तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि इस मोर्चे के प्रति भविष्य में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और आम आदमी पार्टी का रुख भी सकारात्मक हो सकता है। शुक्रवार को कोलकाता पहुंचे सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव के साथ पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात की। इस दौरान अखिलेश ने आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी बनाने की घोषणा की। जबकि राजधानी दिल्ली में तृणमूल कांग्रेस सांसद सुदीप बनर्जी ने कांग्रेस को खरी-खरी सुनाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को खुद को विपक्ष का बॉस नहीं समझना चाहिए।
भाजपा जिनसे घबराती है, उनके पीछे सीबीआई-ईडी लगा देती है : अखिलेश
सपा कार्यकारिणी बैठक में हिस्सा लेने के लिए कोलकाता पहुंचे अखिलेश यादव ने कहा सपा इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनावों पर मंथन करेगी। उन्होंने कहा, भाजपा जिनसे घबरा जाती है, उनके पीछे सीबीआई-ईडी लगा देती है। कहा-लोकसभा चुनाव के बाद मोर्चा के नेता का चयन होगा।
मोर्चा गठन के लिए जल्द मुहिम शुरू करेंगी ममता
टीएमसी सूत्रों के मुताबिक गैर भाजपा-गैर कांग्रेस मोर्चा को जमीन पर उतारने के लिए ममता जल्द ही मुहिम शुरू करेंगी। ममता अगले हफ्ते ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से मुलाकात करेंगी, वहीं जदयू-राजद से बातचीत का जिम्मा अखिलेश उठाएंगे। ममता की निगाहें आप और बीआरएस पर भी हैं।
जदयू ले रही है दिलचस्पी
इस मोर्चा में जदयू भी दिलचस्पी ले रही है। बीते दिनों पार्टी के अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा था कि अखिलेश यादव समाजवादी विचारधारा के हैं और हमारे मित्र भी हैं। यूपी में सपा हमारी वास्तविक सहयोगी हो सकती है।