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माघ मेले की तैयारियों में जुटा प्रयागराज प्रशासन, छह जनवरी से पहला स्नान

उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना और अद्दश्य सरस्वती के पावन संगम प्रयागराज पर लगने वाले माघ मेले की तैयारी जोरों पर है। माघ मेले में संतों-भक्तों का आगमन शुरू हो गया है। विभिन्न विभागों के अधिकारियों की निगरानी में श्रद्धालुओं और कल्पवासियों की सुविधा के लिए काम किया जा रहा है। मेला प्रबंध अधिकारियों ने कहा कि माघ मेले ( रूड्डद्दद्ध रूद्गद्यड्ड) का पहला स्नान पर्व छह जनवरी पौष पूर्णिमा से शुरू रहा है, इस दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगायेंगे । ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर इस बार बेहद खास इंतजाम किए जा रहे हैं। दूर दूर से श्रद्धालु आकर मेला क्षत्र में रहकर एक महीने तक का कल्पवास करते हैं। लिहाजा उनमें असुरक्षा की भावना न होने पाए, इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाने के र्निदेश शासन स्तर से दिए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि माघ मेले का पहला स्नान पर्व पौष पूर्णिमा छह जनवरी को है, दूसरा स्नान पर्व मकर संक्रांति १४ या १५ जनवरी को होगा। तीसरा एवं प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या २१ जनवरी को, चौथा स्नान पर्व माघी पूर्णिमा पांच फरवरी और माघ मेले ( रूड्डद्दद्ध रूद्गद्यड्ड) का छठा एवं अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि १६ फरवरी को है। उन्होंने कहा कि माघ मेला कोविड प्रोटोकॉल में होगा। इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी गई। कल्पवास आरंभ होने से पहले दूसरे राज्यों या इलाकों से कोरोना संक्रमण लेकर कोई भी माघ मेला क्षत्र में प्रवेश न करने पाएं। माघ मेले में कोरोना के नए वैरिएंट बीएफ-७ का संक्रमण रोकने के लिए १६ प्रवेश द्वारों पर थर्मल स्कैनिंग कराई जाएगी। इसके लिए सौ से अधिक टीमें लगाई जाएंगी, ताकि मेला क्षत्र में संक्रमण न फैल सके।माघ मेले में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए हर शिविर को सूचीबद्ध कराया जाएगा। वहां कल्पवासियों के शिविरों में आने वाले हर व्यक्ति का ब्योरा देना होगा, पांच सेक्टरों में बसे मेले में स्टैटिक बूथ परीक्षण केंद्र बनाए जाएंगे। लैब टेक्नीशियन एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों से लैस सर्विलांस टीमें लगाई जाएंगी। कोविड-१९ संक्रमितों की पहचान के लिए विशष टीमें तैनात जायेंगे । यह टीमें जो मेला क्षत्र में संतों-भक्तों के शिविरों में डोर- टू -डोर जाकर सर्वे करेंगी। साथ ही वहां रहने वाले कोविड-१९ लक्षण युक्त व्यक्तियों के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी।

अधिकारियों ने बताया कि माघ मेले में इस बार यातायात व्यवस्था संभालने के लिए ९०० पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। इनमें से आधे पुलिस और बाकी यातायात पुलिस के जवान होंगे। मेला क्षत्र में १३ पुलिस थानों के साथ ही ३६ पुलिस चौकियों का र्निमाण किया गया है, जिसमें थानाध्यक्षों की तैनाती अभी से कर दी गई है। पूरे माघ मेला ( रूड्डद्दद्ध रूद्गद्यड्ड) क्षत्र में छह हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती का खाका तैयार किया गया है। जिसमें जल पुलिस के साथ ही पीएसी, आरएएफ और सिविल पुलिस के जवान, मेला क्षत्र के चप्पे-चप्पे पर तैनात रहेंगे। इसके अलावा एसटीएफ और एटीएस के कमांडो भी मेला क्षत्र में तैनात रहेंगे। इसके साथ ही तीसरी नजर से भी मेला क्षत्र की निगरानी की जाएगी। जिसमें सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन के जरिए मेला क्षत्र की व्यवस्था को दुरुस्त करने का इंतजाम किया जा रहा है। स्नान घाटों पर प्रशिक्षित जल पुलिसकर्मी लगाए गए हैं।

मेले में स्वास्थ्य संबंधी सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। अस्पताल में किसी गंभीर मरीज या हादसे में पीड़ति के आने पर उसे फौरन नगर के स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय भेजने की भी व्यवस्था रहेगी। मेले में अस्पताल बनाए जाने का कार्य भी निरन्तर जारी है , जनवरी की शुरुआत में इनका संचालन होने लगेगा। काली बांध के नीचे और झूंसी क्षत्र में २०-२० बेड के अस्पताल, दो बड़े अस्पताल तथा एक बेड वाले १० प्राथमिक उपचार पोस्ट र्निमाण की प्रक्रिया जारी है। माघ मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य एंव स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए स्वास्थ्य विभाग ने इस बार सफाई कर्मियों को यूनिफार्म अलग से दिए जाने का र्निणय लिया है। काली बांध के नीचे २० बेड वाले त्रिवेणी अस्पताल और गंगा नदी पार झूंसी क्षत्र में २० बेड के गंगा अस्पताल के र्निमाण का कार्य जारी है।

३० एंबुलेंस की भी व्यवस्था रहेगी। मेला क्षत्र में १०८ नंबर और एएलएस (एडवांस लाइफ सपोट र्सिस्टम) कंपनी की एक-एक एंबुलेंस दोनों बड़े अस्पतालों में उपलब्ध रहेंगी। संगम नोज से लेकर विभिन्न सेक्टर में २४ एंबुलेंस की उपलब्धता रहेगी। कुछ पुलिस थानों पर भी एंबुलेंस उपलब्ध रहेगी ताकि वायरलेस से सूचना आने पर मौके पर एंबुलेंस को रवाना किया जा सके। मेला क्षत्र में ४००० टायलेट और २००० यूरिनल पोस्ट स्वास्थ्य विभाग की ओर से और करीब ११ हजार संस्थागत शौचालय बनाए जाएंगे। कुल मिलाकर मेला क्षत्र में १७००० शौचालयों की व्यवस्था रहेगी। प्रत्येक सफाई कर्मियों को अलग से यूनिफार्म (वर्दी) दी जाएगी ताकि उन्हें पहचानने में किसी को दिक्कत न हो।

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