पाटण के बी डीविजन पुलिस स्टेशन में पास के युवा नेता हार्दिक पटेल सहित सात लोगों के विरूद्ध दर्ज की गई पुलिस शिकायत रद्द ठहराने के लिए हार्दिक की तरफ से गुजरात हाईकोर्ट में कवोशींग पीटिशन की गई है । हालांकि, दूसरी तरफ, हार्दिक पटेल के पिता द्वारा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, अन्य न्यायधीशों और गुजरात बार काउन्सील को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है कि, यह पीटिशन हार्दिक पटेल की सही या सहमति बिना फाइल की गई है, जिसकी वजह से अब यह समग्र मामले में एक नया विवाद पैदा हो गया है । हार्दिक के पिता भरतभाई पटेल ने एडवोकेट बी.एम. मंगुकिया द्वारा अपने पुत्र की मंजूरी या सहमति बिना इस प्रकार से पीटिशन फाइल कर दी गई होने से मंगुकिया के विरूद्ध कार्यवाही करने के लिए पत्र में मांग की गई है । हार्दिक के पिता ने एडवोकेट बी.एम. मंगुकिया पर कई गंभीर आरोप लगाया गया है । हार्दिक के पिता भरतभाई पटेल ने चीफ जस्टिस सहित के सत्ताधीशों को भेजे गये पत्र में बताया है कि, मेरा पुत्र हार्दिक पटेल आरक्षण आंदोलन समिति का कन्वीनर है और संविधान की सीमा में रहकर गुजरात में वह पटेलों को आरक्षण मिले इसके लिए आंदोलन चलाया जा रहा है । पाटण के बी डीविजन पुलिस स्टेशन में हार्दिक पटेल तथा अन्य के विरूद्ध दर्ज करायी गई पुलिस शिकायत प्रकरण में मेरा पुत्र हार्दिक पटेल की गिरफ्तारी हुई है । जो शिकायत रद्द ठहराने के लिए हार्दिक पटेल पक्ष की तरफ से एडवोकेट मंगुकिया ने गुजरात हाईकोर्ट में क्रिमीनल मीसेलिनीयस एप्लीकेशन नंबर २१५०४-२०१७ फाइल की है । लेकिन वकील मंगुकिया ने मेरे पुत्र की मंजूरी, जानकारी, सत्ता, सूचना या सहमति-अधिकार बिना बाहर ही यह अर्जी फाइल की है । इसके पहले भी वर्ष २०१५ में एडवोकेट बी.एम. मंगुकिया ने मेरे पुत्र हार्दिक पटेल को गुमराह करके पहले से हस्ताक्षर कराकर वकीलातनामा का गैरइस्तेमाल करते हुए यह मामले में मेरे पुत्र हार्दिक पटेल ने सूरत जेल से उन्होंने पहले से हस्ताक्षर कराकर लिए गए वकीलातनामा का गैरइस्तेमाल नहीं हो इसके लिए पत्र लिखकर चेतावनी दी थी ।