दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार (21 फरवरी) को कहा कि दिल्ली में लोकसभा चुनाव सीट शेयरिंग के लिए कांग्रेस से चर्चा चल रही है। हम चर्चा के अंतिम चरण में पहुंच गए हैं। जल्दी ही सीट शेयरिंग का ऐलान किया जाएगा।
पंजाब में 10 फरवरी को अरविंद केजरीवाल ने एक रैली में कहा था कि राज्य में पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। इस पर मंगलवार को केजरीवाल बोले- इस फैसले पर हम पुनर्विचार नहीं करने वाले हैं। हमने जीतने के लिए यह फैसला किया है।
इसके अलावा केजरीवाल ने कहा कि अन्य राज्यों में भी गठबंधन को लेकर कई दौर की चर्चा हो चुकी है। जल्द ही अन्य राज्यों में भी गठबंधन का ऐलान किया जाएगा।
AAP के महासचिव और राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने 14 फरवरी को कहा था कि हम कांग्रेस को दिल्ली में एक ही सीट देने पर विचार कर रहे हैं। कांग्रेस एक से ज्यादा सीट की हकदार नहीं है।
लेकिन अगर सूत्रों की माने तो कांग्रेस और AAP सीट-बंटवारे के लिए 4:3 फॉर्मूले पर चर्चा कर रही थी। इसमें कांग्रेस 4 और AAP के तीन सीटों पर चुनाव लड़ने की अटकलें थीं। 2019 में BJP ने सातों लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी।
AAP ने असम-गुजरात में अपने उम्मीदवारों की घोषणा की
AAP ने कई बार इस बात पर जोर दिया है कि वह I.N.D.I.A के साथ है, लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए अलग-अलग राज्यों में लगातार अपने उम्मीदवारों की घोषणा भी कर रही है। AAP ने 8 फरवरी को असम में तीन सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की थी।
इससे पहले केजरीवाल ने जनवरी में गुजरात यात्रा के दौरान राज्य की भरूच लोकसभा सीट पर चैतर वसावा को अपना उम्मीदवार घोषित किया था। पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला भी इसी के बाद आया है।
बंगाल में ममता भी अकेले लड़ेंगी चुनाव
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। ममता भी खुद को I.N.D.I.A का हिस्सा बताती रही हैं। हालांकि, उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने के अपने फैसले के लिए कांग्रेस के साथ सीट-शेयरिंग को लेकर बातचीत फेल होने का हवाला दिया था।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने रास्ते पहले ही अलग कर चुके हैं। वे I.N.D.I.A के सूत्रधार थे। उन्होंने ही सभी विपक्षी पार्टियों को BJP के खिलाफ एकजुट किया था। हालांकि, वे खुद 28 जनवरी को NDA में शामिल हो गए और BJP के साथ मिलकर सरकार बना ली।