दिल्ली में सांस लेना मुश्किल हो गया है। शुक्रवार सुबह एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 472 तक पहुंच गया और पूरी दिल्ली में घने कोहरा छाया हुआ है। AQI हवा की क्वालिटी मापने का पैमाना है, 450 से ऊपर होने पर इसे बेहद गंभीर माना जाता है यानी फेफड़ों के लिए खतरनाक। बढ़ते प्रदूषण के कारण नोएडा प्रशासन ने शुक्रवार से 8वीं तक के बच्चों की क्लासेस ऑनलाइन लेने का फैसला किया है।
दिल्ली में ग्रेैप की चौथी स्टैज लागू हो गई है। इसके तहत एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमिशन ने दिल्ली- NCR में डीजल से चलने वाले वाहनों पर रोक लगा दी है। हालांकि, CNG और इलेक्ट्रिक वाहनों पर कोई बैन नहीं है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज हाई लेवल मीटिंग बुलाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार दिल्ली में स्कूल-कॉलेज बंद करने सकती है।
दिल्ली के आंनद विहार में AQI 473, मुंडका में AQI 476, वजीरपुर में AQI 475, नरेला में AQI 477, जहांगीरपुरी में AQI 485, रोहिणी में AQI 474, विवेक विहार में AQI 475, नजफगढ़ में AQI 481, इंडिया गेट पर AQI 448, IGI एयरपोर्ट पर AQI 453, अशोक विहार में AQI 471, सोनिया विहार में AQI 473, अलीपुर में AQI 476, आईटीओ पर AQI 444, मंदिर मार्ग पर AQI 374 एक्यूआई दर्ज हुआ है। वहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के पास 563 AQI दर्ज किया गया।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रशासन की ओर से शुक्रवार से कक्षा एक से लेकर आठ तक के बच्चों की क्लासेस ऑनलाइन लेने का फैसला किया है। गौतम बौद्ध नगर के जिला विद्यालय निरीक्षक धर्मवीर सिंह ने 9वीं से 12वीं तक की क्लास भी ऑनलाइन चलाने का आदेश दिया है। 8 नवंबर तक सभी स्कूलों में खेल या बैठक जैसी एक्टिविटी पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगी।
प्रदूषण बढ़ने से अस्पतालों की ओपीडी में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। पहले ओपीडी में हर रोज 20-25 सांस के मरीज आते थे, यह संख्या अब बढ़कर 70-75 हो गई है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दिल्ली सरकार से स्कूलों को बंद करने का आग्रह किया है।
लोकल सर्कल के सर्वे के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के 53% लोगों का कहना है कि पराली जलाना प्रदूषण बढ़ने का प्रमुख कारण है। 20 हजार लोगों पर किए गए सर्वे में 13% ने प्रदूषण के लिए वाहनों को जिम्मेदार माना। वहीं, 56% लोग दिल्ली में ऑड-इवन फॉर्मूला लागू करने का विरोध कर रहे हैं।
प्रदूषित हवा से सिर्फ सांस संबंधी बीमारियां ही नहीं बल्कि हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक के साथ ही गर्भपात का भी खतरा बढ़ गया है। दिल्ली एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि द लैंसेट की स्टडी बताती है कि वायु प्रदूषण बेहद खराब श्रेणी में होने से गर्भवती के सांस लेने का असर भ्रूण पर होता है। इससे भ्रूण का विकास कम हाेता है, साथ ही गर्भपात का खतरा भी बढ़ता है।
एम्स रुमेटोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. उमा कुमार ने बताया, प्रदूषण बढ़ने से गठिया मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है। जिनमें गठिया का लक्षण नहीं होता, उनके खून के नमूनों में ऑटो एंटीबॉडी पॉजिटिव मिला। ऐसे लोगों की संख्या 18% थी। अब इस प्रकार के रोगियों पर दोबारा से अध्ययन किया जाएगा।
दिल्ली में प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार और आम आदमी पार्टी आमने-सामने हैं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बुधवार को AAP सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आप की वजह से दिल्ली ‘गैस चेंबर’ बन चुकी है। इस पर पटलवार करते हुए दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार हमारे नेताओं पर केस करवाती है। बस सहयोग नहीं करती।
पराली जलने और गाड़ियों से हो रहे प्रदूषण की वजह से गुरुवार सुबह दिल्ली का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 418 तक पहुंच गया। आंनद विहार में AQI 449, मुंडका में AQI 422, वजीरपुर में AQI 434, नरेला में AQI 429, बवाना में AQI 447, अलीपुर में AQI 419, अशोक विहार में AQI 433, जहांगीरपुरी में AQI 455 और इंडिया गेट AQI 419 दर्ज किया गया है।