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ताइवान पर हमला किया, तो हम मिलिट्री एक्शन लेंगे : Biden

यूक्रेन जंग के बीच ताइवान को डराने में जुटे चीन को अमेरिकी राष्?ट्रपति जो बाइडेन ने पहली बार खुली चेतावनी दी है । क्?वाड बैठक में हिस्?सा लेने जापान पहुंचे बाइडेन ने एक बैठक में कहा कि अगर चीन की ओर से ताइवान पर हमला किया जाता है तो अमेरिका मिलिट्री एक्शन लेगा । उन्होंने कहा कि ताइवान की सीमा पर घुसपैठ करके चीन खतरा मोल ले रहा है । इस पर, चीन ने पलटवार करते हुए कहा- हम अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए तैयार हैं ।
हाल ही में एक अॉडियो क्लिप वायरल हुई जिसमें चीन के बड़े अधिकारी ताइवान पर हमले को लेकर बातचीत कर रहे थे । इसके बाद बाइडेन का बयान सामने आया जिसमें उन्होंने कहा क?ि यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद ताइवान की रक्षा की जिम्?मेदारी और ज्?यादा बढ़ गई है । अगर चीन हमला करता है तो अमेरिका सैन्य मदद के जरिए ताइवान की रक्षा करेगा ।
ये क्लिप चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सीनियर अॉफिसर ने लीक की, जो शी जिनपिंग की ताइवान पर हमले की योजना का पर्दाफाश करना चाहते थे ।
अधिकारी इस क्लिप में बता रहे हैं कि किन कंपनियां को ड्रोन, बोट्‌स बनाने उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए कहा गया है । इसके अलावा इसमें हमले की तैयारी पर चर्चा हुई ।
इसके तहत ग्वांगडोंग प्रांत को २० अलग अलग कैटोगिरी में युद्ध से संबंधित २३९ सामग्रियों को जमा करने के लिए कहा गया था । इसमें १.४० लाख सैन्यकर्मी, ९५३ जहाज, १,६५३ मानव रहित उपकरण, २० हवाई अड्डों को डॉक के साथ संपर्क जोड़ने, ६ मरम्मत और जहाज र्निमाण यार्ड और संसाधन जैसे अनाज डिपो, अस्पताल, रक्त स्टेशन, तेल डिपो, गैस स्टेशन शामिल हैं । इसके साथ ही चीन की नेशनल डिफेंस मोबिलाइजेशन रिक्रूटमेंट अॉफिस को नए जवानों की भर्ती करने के लिए कहा गया है और ग्वांगडोंग से कुल १५ हजार ५०० सैन्य कर्मियों की भर्ती करने के लिए कहा गया है ।बाइडेन के बयान के बाद चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा- हम अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करेंगे । किसी को भी राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए चीनी लोगों के दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति को कम करके नहीं आंकना चाहिए । उन्होंने कहा- ताइवान चीन का हिस्सा है । ये मुद्दा चीन का आंतरिक मामला है । संप्रभुता और क्षत्रीय अखंडता के चीन के मूल हितों से जुड़े मुद्दों पर समझौता नहीं करेंगे ।
बैठक में बाइडेन से सवाल किया गया कि अगर चीन ताइवान पर कब्?जे के लिए ताकत का इस्?तेमाल करता है तो क्या अमेरिका सैन्य हस्तक्षप करेगा? इसके जवाब में जो बाइडेन ने कहा- हमने यही वादा किया था । हम वन चाइना पॉलिसी पर राजी हुए, हमने उस पर साइन किया, लेकिन यह सोचना गलत है कि ताइवान को बल के प्रयोग से छीना जा सकता है । जो बाइडेन ने कहा कि ताइवान के खिलाफ बल प्रयोग करने का चीन का कदम न केवल अनुचित होगा, बल्कि यह पूरे क्षत्र को अस्थिर कर देगा ।
चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश की तरह देखता है । चीन का लक्ष्?य ताइवान को उनकी राजनीतिक मांग के आगे झुकने और चीन के कब्?जे को मानने के लिए ताइवान को मज?बूर करने का रहा है । रूस-यूक्रेन जंग के बाद से इस बात का डर सताने लग गया है कि कहीं ताइवान को हथियाने के लिए चीन भी युद्ध का रास्ता न अपना ले ।
चीन, यूक्रेन में हो रही जंग का फायदा उठाकर ताइवान पर हमला कर सकता है । अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शी जिनपिंग की इस साजिश को भांप लिया था । कुछ महीने पहले उन्होंने एक इमरजेंसी मीटिंग की और इसके फौरन बाद अमेरिकी डिफेंस एक्सपर्ट्‌स और फॉरेन मिनिस्ट्री का एक हाईलेवल डेलिगेशन ताइवान की राजधानी ताइपेई रवाना कर दिया था । जिसके बाद बौखलाए हुए चीन ने अमेरिका को धमकी दी थी । उसने धमकी भरे लहजे में कहा थी कि वे (अमेरिका) आग से खेल रहे हैं और इसमें खुद ही जल जाएंगे ।
चीन की ओर से ताइवान में घुसपैठ होती रहती है । आम तौर पर ये उड़ानें ताइवान के दक्षिण-पश्चिम में हवाई क्षत्र में होती हैं । इसे न्ढ्ढर्ष्ठं (एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन) कहते हैं । १९४९ में गृहयुद्ध के दौरान ताइवान और चीन अलग हो गए थे, लेकिन चीन इस द्वीप पर अपना दावा करता रहा है । नतीजतन बीजिंग ताइवान सरकार की हर कार्रवाई का विरोध करता है । ताइवान को अलग-थलग करने और डराने के लिए राजनयिक और सैन्य ताकत का इस्तेमाल करता रहता है ।

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