भारत को पेइनिंग के सैन्य विकास या चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे से जुडी चिंताओ की बढा चढाकर पेश नहीं चाहिए । भारत के सेना प्रमुख ने नई दिल्ली को भविष्य के प्रतिद्धंद्धियो की जवाबी घेराबंदी की सलाह दी थी । चीन की सत्तारुढ कम्युनिस्ट पार्टी के भारत को चिता है कि चीन, भारत-पाकिस्तान के बीच विवाद में जानबुझकर दखल दे रहा है और वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वैधता प्रदान करता है । ऐसा इसलिए भी कहा जाता है क्योकि चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है । पेइचिंग और इस्लामाबाद को भारत संभावित खतरे के रुप में देख रहा है और वह पेइचिंग की वन बेल्टड ऐंड वन रोड पहल और चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को लेकर संदेह जाता रहा है और स्थिति को बढा चढाकदर पेश कर रहा है ।
इसमें कहा गया, पेइचिंग नई दिल्ली की संप्रभुता संबंधी चिंताओ का सम्मान करता है और भारत और पाकिस्तान दोनो के स्वीकार करने पर ही दोनो देशो के बीच मध्यस्थता करना चाहता है । यह टीप्पणी ऐसे समय आई है जब पिछले सप्ताह जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि भारत को सुरक्षा परिदृश्य पर गौर करते हुए ईरान, इराक और अफगानिस्तान के साथ धनिष्ठ संबंध रखने चाहिए । रावत ने कहा था कि इस तरह की रणनीति से पाकिस्तान के लिए दोतरफा सुविधा पैदा होगी और इससे अन्य कठिन पडोसी चीन से निपटने में भी मदद मिलेगी ।
उन्होंने सलाह दी थी कि भारत को भविष्य के प्रतिद्धंद्धियो की जवाबी घेराबंदी करनी चाहिए । भारतीय सेना प्रमुख की इस दिप्पणी का उल्लेख करते हुए चीनी अखबार ने कहा कि चीन शांतिपूर्ण विकास की वकालत करता है और यह क्षेत्र में न तो कभी प्रभुत्व चाहता है और न ही चाहेगा । चीन के रक्षा बजट में इस साल लगभग सात प्रतिशत की वृद्धि होगी जो २०१० के बाद सबसे कम है । पेइचिंग का सैन्य विकास राष्ट्र निर्माण का हिस्सा है और नई दिल्ली को इसकी बढा चढाकर व्याख्या नहीं करनी चाहिए ।
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