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दाल-रोटी महंगी :1 महीने में 5% बढ़े गेहूं-दालों के भाव

दाल-रोटी एक बार फिर महंगी होने लगी है। बीते एक महीने में रिटेल बाजार में गेहूं व दाल के भाव 5% और 4% तक बढ़ गए हैं। पाम ऑयल को छोड़कर सभी प्रमुख खाद्य तेलों की कीमतों में भी इस दौरान मामूली वृद्धि हुई है। दूसरी तरफ आलू, प्याज और टमाटर की औसत रिटेल कीमतों में गिरावट आई है।

केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को एक सवाल के लिखित जवाब में कहा, ‘देश में गेहूं और दाल जैसी जरूरी वस्तुओं की औसत रिटेल कीमतों में हाल के महीनों में कोई तेज और लगातार वृद्धि नहीं हुई है।’ गोयल के मुताबिक, 6 दिसंबर को गेहूं का औसत रिटेल भाव एक महीने पहले के 30.50 रुपए की तुलना में 31.90 रुपए प्रति किलो हो गया।

सरकार ने आटे की औसत रिटेल कीमत की जानकारी नहीं दी। लेकिन सरकार की मूल्य निगरानी प्रणाली के ब्योरे से पता चलता है कि आटे की कीमत एक महीने पहले 35.20 रुपए की तुलना में 6% बढ़कर 37.40 रुपए प्रति किलो हो गई है। दालों में, चना दाल की कीमत पिछले एक महीने में 2% बढ़ी है। ठीक एक महीने पहले चना दाल का औसत भाव 110.90 रुपए प्रति किलो था। मंगलवार को यह 112.80 रुपए प्रति किलो भाव पर बिकी। अन्य दालों के भाव में लगभग स्थिरता देखी गई।

देश के ज्यादातर इलाकों में गेहूं के भाव अभी MSP से 30-40 फीसदी ऊपर है। व्यापारियों का कहना है कि मौजूदा भाव करीब-करीब रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर बना हुआ है। बीते 4 महीनों में कीमतें धीरे-धीरे बढ़ते हुए रिटेल में 32 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं।

भारत में महंगाई बढ़ने को दो मुख्य कारण हैं। खाने के तेल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी और साथ ही ईंधन की कीमतों में बढ़ेतरी। दालों की कीमतों के बढ़ने से भी इंडियन फूड बास्केट तेजी से बढ़ा है। केंद्र सरकार ने इन दोनों के ही दामों में कमी लाने के लिए कदम उठाए हैं। पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने के साथ कच्चे सूरजमुखी तेल के ड्यूटी फ्री इंपोर्ट की अनुमति दी है।

सरकार के इन कदमों से महंगाई से कुछ हद तक राहत मिली है, लेकिन यह पूरी तरह से कम नहीं हो पाई है। मैन्चुफैक्चरिंग और सप्लाई चेन में दिक्कत महंगाई को बढ़ा रहे हैं। कोरोना महामारी के लॉकडाउन में मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन दोनों प्रभावित हुई थी। इससे माल कम हो गया है और इसलिए उन सामानों की कीमतों में इजाफा हुआ है जो बाजारों तक कम पहुंच रहे हैं। रूस-यूक्रेन जंग ने भी इसमें बड़ा रोल निभाया है।

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