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लोन के फर्जीवाड़े के कारण चंदा कोचर की मुश्किलें बढ़नी तय

इन्फोर्स्मेंट डायरेक्ट्रेट द्वारा आई सी आई सी आई की पूर्व एम डी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद अब चंदा कोचर की मुश्किलें भी बढ़नी तय हैं। चंदा कोचर भी इस मामले में आरोपी हैं और सी. बी. आई. और ईडी इस दंपति से कई बार पूछताछ कर चुकी है। दीपक कोचर की गिरफ्तारी के बाद अब इस मामले में चंदा कोचर पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। मनी लांड्रिंग के जिस मामले में दीपक कोचर को गिरफ्तार किया गया है उसमे कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है। शुरुआती जांच में पाया गया कि चंदा कोचर के बैंक की एम डी रहते वीडियोकॉन को जून 2009 से अक्टूबर 2011 के मध्य 1875 करोड़ रूपए के छह लोन पास किए गए। बैंक के जिस बोर्ड ने लोन पास किए गए उसकी कई बैठकों में चंदा कोचर खुद भी शामिल थी। यह सारे कर्ज 2017 में नान परफार्मिंग एसेट्स यानि एनपीए करार दे दिए गए थे। सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक इस मामले में बैंक को 1830 करोड़ रूपए का घाटा हुआ था।जुलाई 2008- चंदा कोचर के बैंक की एम डी बनने से पहले सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी में वी एन धूत और वसंत काकड़े को निदेशक बनाया गया।दिसंबर 2008- नु पावर रिन्यूबल एनर्जी नाम की कंपनी बनाई गई। इस कंपनी में वी एन धूत उसका भाई सौरभ दूत और दीपक कोचर निदेशक बने।
मई 2009- चंदा कोचर आई सी आई सी आई बैंक की एम डी और सी ई ओ बनी। जून 2009- नु पावर में धूत और दीपक कोचर की हिस्सेदारी वाले शेयर सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर किए गए। जून 2009 से अक्टूबर 2011 – आई सी आई सी आई बैंक ने वीडियोकॉन की कंपनियों को 1875 करोड़ रूपए के छह अलग अलग कर्ज को मंजूरी दी। इस से पहले जून 2008 में वीडियोकॉन को दिए गए 3000 करोड़ रूपए के टर्म लोन के समय भी चंदा कोचर लोन सेंक्शन करने वाली कमेटी की सदस्य थी। यह कर्ज जून 2009 में चंदा कोचर के एम डी बनने के बाद वीडियोकॉन को मिला।
सितंबर 2009- वी एन धूत ने पहला पावर प्लांट एक्वायर करने के लिए नु पावर रिन्यूबल एनर्जी को वीडियोकॉन इंडस्ट्री से सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के जरिए 64 करोड़ रूपए ट्रांसफर किए। अप्रैल 2012- वीडियोकॉन की कंपनियों को दिए गए 1730 करोड़ रूपए के लोन रुपया टर्म लोन में परिवर्तित किए गए जून 2017- वीडियोकॉन की कंपनियों को एन पी ए करार दिया गया। 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से विडियोकॉन को मिले 3,250 करोड़ रुपए के लोन मामले में ICICI बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर और उनके परिवार के मुंबई स्थित फ्लैट और उनके पति दीपक कोचर की कंपनी की कुछ संपत्तियों को अटैच किया जा चुका है है। जब्त संपत्तियों का कुल मूल्य 78 करोड़ रुपए बताया जा रहा है।

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