भाजपा के नेता नितिन गडकरीजी प्रधानमंत्री नहीं बन पाए ये तो उनका नसीब लेकिन उन्होंने अपनी जबान से ऐसा कुछ कह दिया की अफसरों की के नसीब पर खतरा मंडराने लगे तो कह नहीं सकते। उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र नागपुर से नागरूपी भ्रष्ट अफसरों को खुल्ले शब्दों में चेतावनी दी की यदि आठ दिन में लोगो के काम नहीं हुए तो लोगो को कह कर तुम्हारी धुलाई कर देंगे…! धुलाई करना यानि पिटाई करना। यानि कानून हाथ में लेना। मंत्रीजी की बात सुन कर किसी ने भ्रष्ट अफसरों की पिटाई कर दी। और पिटाई करते करते यदि कोई राम शरण हो गया तो उसकी जिम्मेवारी किसकी….? क्या कानून हाथ में लेनेवाले को बक्षा जायेंगा….? क्या ये मोब लिंचिंग का कोई नया अवतार कहा जायेंगा…? आखिर क्यों मंत्रीजी को ऐसा कहना पड़ा….? क्या वे लोगो को भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ भड़काना चाहते है…? इसका एक मतलब तो ये भी हुवा की देश के मंत्रीजी को भ्रष्ट अफसरों के लिए बनाए कड़े कानून में विश्वास नहीं है क्या…? या फिर एन्टी करप्शन कानून फ़ैल हो गया….?
पिछले कई समय से देश में बच्चा चोर या पशुचोर को लेकर कई लोगो को पिट पिट कर उनकी हत्या कर दी गई। सुप्रीमकोर्ट ने सभी राज्यों को इसे रोकने हेतु विशेष कानून बनाने का आदेश भी दिया है। मोब लिंचिन की घटनाओं में ज्यादातर तो अफवाह ने ही बुरा काम किया। जिसमे सोश्यल मीडिया भी कुछ हद तक जिम्मेवार है। सोश्यल मिडिया में बच्चा चोर की अफवाह चली और कई निर्दोषों की जाने चली गई। मोब लिंचिंग के केस में कई लोग जेल में बंद है। हालांकि ये बात ओर है की राजस्थान के अलवर के पह्लुखान की मोब लिंचिन द्वारा हत्या केस में सभी आरोपी बरी हो गये। किसी के कहने से या किसी अफ़वाह के चलते भीड़ द्वारा किसी की हत्या करने में पुलिस को जो हाथ लगा उसे पकड़ कर ठूंस देने में देर नहीं लगती। मंत्री नितिनजी ने कह दिया ओर किसी ने लोगो को भडका कर किसी अफसर की कचहरी में धुलाई कर दी और हत्या हो गई तो….? तो क्या इसके लिए मंत्रीजी को पुलिस पकड़ेंगी इस जुर्म में की, आपने लोगो को कानून हाथ में लेने को कहा और लोगो ने कानून अपने हाथ में लेकर किसी का काम तमाम कर दिया तो आप जिम्मेवार है। पुलिस मंत्रीजी को नहीं पूछेंगी लेकिन जिसने किसी अफसर की धुलाई कर दी वह तो गया बारह के भाव में…!
सरकारी आफिस में लोगो के काम नहीं होने के लिए कई कारण होते है। जिसमे भ्रष्टाचार मुख्य है। नितिनजी जिस मंत्रालय के स्वामी है उस मंत्रालय में भ्रष्ट अफसर नहीं होंगे ऐसा मंत्रीजी सीना ठोक कर कह सकते है क्या…? मंत्रीजी का विवादी ब्यान नये भारत में मोब लिंचींग की कोई नई परिभाषा तो नहीं…? मंत्रीजी ने रिश्वत लेनेवाले कर्मियों को चोर कहा है। सही कहा। लेकिन उनके खिलाफ कार्यवाही भी हो। मंत्रीजी ने पिटाई का डंडा उठाया और सहमे हुए अफसर डर के मारे लोगो के काम करने लगे तो उससे लोगो को ही लाभ होंगा। लेकिन उनकी धुलाई करा दूंगा…इससे दूर रहना चाहिए था। मंत्रीजी से प्रेरणा लेकर भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं ने मंत्रीजी को अच्छा लगाने किसी अफसर की धुलाई कर दी तो…? मंत्रीजी, लघु उद्योग के साथ टोलप्लाज़ा पर भी कछु ध्यान दीजिये। हाइवे की सडको का की भी जायजा लीजिये। सड़के-हाइवे- पूल बनाना सरकार का काम रहा है। निजीकरण के चलते हाइवे का इस्तेमाल करने के लिए आम नागरिको से टोल वसूल करना और आये दिन हाइवे ठेकेदार द्वारा टोल में बढोती करना क्या ये वाहनचालक की ठेकेदार द्वारा पैसो की धुलाई नहीं है क्या…? इसे कौन रोकेंगा…? ज़रा ऐसे भ्रष्ट ठेकेदार को भी चेतावनी दीजियेगा। नागपुर आपको प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहता है। आपकी मनोकामना पूर्ण हो…नमस्ते सदा वत्सले..!!
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