अहमदाबाद शहर में आवारा कुत्तों के मामले में हाईकोर्ट के में पीआईएल दाखिल की गई है इस परिस्थिति में अहमदाबाद शहर में पिछले सात वर्ष में कुल मिलाकर २९५१६४ जितने लोगों को कुत्ते काटने की घटना हुई है इसके साथ ही हर २० अहमदाबाद नागरिकों के सामने एक आवारा कुत्ते है म्युनिसिपल प्रशासन द्वारा अहमदाबाद शहर में आवारा कुत्तों के रसीकरण के लिए अभी तक में १० करोड़ रुपये की रकम खर्च की गई फिर भी शहरीजनों को आवारा कुत्तों के आतंक से मुक्त नहीं हो सके है । इस बारे में पूर्व विपक्षनेता और बहेरामपुरा के कॉर्पोरेटर बदरूद्दीन शेख ने कहा है कि, अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के बर्थ एनिमल कंट्रोल विभाग द्वारा शहर में आवारा कुत्तों को पकड़ने की पहले किया जाता कामकाज वर्ष-२००१ से बंद करके चार संस्था को आवारा कुत्तों को पकड़कर इसके खसीकरण करने का कामकाज सौंपा गया था । जिसमें से पिछले सात वर्ष में एनिमल राइट फंड द्वारा ६३६४९, पीपल फॉर एनिमल द्वारा ४६४५४, एनिमल हेल्थ ट्रस्ट द्वारा ४७७८५ और संस्कार एज्यूकेशन ट्रस्ट द्वारा ८७८० कुत्तों की खसीकरण किया गया है । वास्तव में तो यह चार संस्था को २४०००० कुत्तों का खसीकरण करना था जिसके सामने उनके द्वारा सिर्फ १६६६६८ कुत्तों का खसीकरण किया गया है । म्युनिसिपल द्वारा यह संस्थाओं को एक कुत्ते के खसीकरण के लिए ६३६ रुपया चुकाया जा रहा है । अभी तक में १० करोड़ रुपये की रकम का खर्च प्रशासन द्वारा किया गया है फिर भी शहर में कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है । शहर में सात वर्ष में २९५१६४ लोगों को कुत्ते ने काटा है । शहर में आवारा कुत्ते वाहनों के पीछे भागते है जिसके कारण दुर्घटनाएं बढ़ रही है । आवारा कुत्तों को बहेरामपुरा, दाणीलीमडा और जुहापुरा जैसे क्षेत्रों में छोड़ दिया जाता है । जुहापूरा में कुछ समय पहले कई बच्चों को आवारा कुत्तों ने गंभीर रूप से घायल कर दिया था । यह संजोगों में हाईकोर्ट ने लोगों को कुत्ते के आतंक से बचाने के लिए ध्यान दिलाया जाए यह सत्ताधीशों के लिए शर्मजनक कहा जाएगा ।