केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन जारी रहेगा। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें कहा जा रहा था कि प्याज के एक्सपोर्ट पर लगी रोक को हटा दिया गया है।
प्याज के निर्यात पर बैन हटाने की झूठी खबरों के बाद देश की सबसे बड़ी थोक प्याज मंडी, लासलगांव में 19 फरवरी को इसका थोक बिक्री मूल्य 40.62% बढ़कर 1,800 रुपए प्रति क्विंटल हो गया, जो 17 फरवरी को 1,280 रुपए प्रति क्विंटल था।
‘प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन नहीं हटाया गया है। ये प्रतिबंध लागू है और स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। कंज्यूमर्स को उचित मूल्य पर प्याज उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।’
उन्होंने कहा, ‘प्याज की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए इसके निर्यात पर पहले से घोषित समय सीमा 31 मार्च 2024 की तक बैन जारी रहेगा। केंद्र सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों के बीच 8 दिसंबर 2023 को प्याज के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी।
प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन 31 मार्च के बाद भी जारी रह सकता है। क्योंकि, अगले महीने लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान होगा और डेढ़ महीने बाद देश में मतदान होने की संभावना है।
ऐसे में सरकार महंगे प्याज का जोखिम नहीं लेगी। रबी (सर्दियों) सीजन में प्याज का प्रोडक्शन कम होने की आशंका है। खासतौर पर महाराष्ट्र में रकबा कम कवरेज होने से प्याज का उत्पादन कम हो सकता है।
रबी सीजन में 22.7 मिलियन टन उत्पादन का अनुमान
2023 रबी सीजन में प्याज का प्रोडक्शन 22.7 मिलियन टन होने का अनुमान था। कृषि मंत्रालय के अधिकारी आने वाले दिनों में महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और गुजरात जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में प्याज के रबी फसल का आंकलन करेंगे। प्याज पर लगे बैन के बीच अंतर-मंत्रालयी ग्रुप से अप्रुवल के बाद जरूरत के आधार पर मित्र देशों को प्याज के निर्यात की अनुमति दी जाती है।
अगस्त में लगाई थी 40% एक्सपोर्ट ड्यूटी
इससे पहले सरकार ने अगस्त में प्याज के डोमेस्टिक स्टॉक को मेंटेन रखने और कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए 40% एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई थी। वहीं अक्टूबर महीने के आखिर में प्याज के एक्सपोर्ट के लिए मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस यानी MEP 800 डॉलर (करीब ₹66,710) प्रति टन फिक्स किया था।
सरकार के पास 5 लाख टन है प्याज का स्टॉक
सरकार ने मौजूदा फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए 5 लाख टन प्याज बफर में स्टॉक रखा है। इसके अलावा सरकार स्टॉक को 2 लाख टन और बढ़ाकर 7 लाख टन करने के प्लान पर काम कर रही है।