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पाकिस्तान साउथ एशिया की सबसे कमजोर अर्थव्यवस्था

पाकिस्तान पहले बाढ़, फिर भोजन की कमी और अब आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। इस बीच वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में पाकिस्तान को साउथ एशिया की सबसे कमजोर अर्थव्यवस्था कहा गया है। इस्लाम खबर के अनुसार, देश को गरीबी से बाहर निकालने के लिए भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

पाकिस्तान में पिछले साल जुलाई में बाढ़ आई थी, जिससे बड़े पैमाने पर खेत तबाह हो गए थे। देश में विदेशी मुद्रा भंडार 4.6 बिलियन अमरीकी डालर के नए निचले स्तर पर पहुंच गया है, जो तीन हफ्ते के लिए विदेशी आयात बिलों का भुगतान करने के लिए पर्याप्त होगा। उसके बाद मुश्किलें होगीं। एनालिस्ट्स का कहना है कि पाकिस्तान को राहत के लिए 33 अरब डॉलर की जरूरत है।

इस्लाम खबर की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब और UAE सहित दोस्तों ने इस महीने चार अरब डॉलर का निवेश किया है। पाकिस्तान के सबसे बड़े अखबार ‘द डॉन’ ने एडिटोरियल और एक स्पेशल रिपोर्ट में खुलासा किया कि जिनेवा में पाकिस्तान को जो 10 अरब डॉलर देने का भरोसा दिलाया गया है, वो दान या खैरात नहीं, बल्कि कर्ज है। इतना ही नहीं यह कर्ज भी तीन साल में किश्तों के तौर पर मिलेगा।

देश में आई बाढ़ को आए 6 महीने हो चुके हैं। लेकिन ऑन-लैंड ट्रैवलर एसएफ ऐजादुद्दीन लिखते हैं कि भले ही बाढ़ को गए लंबा समय हो गया हो, लेकिन अब भी जल प्रबंधन या नए सिरे से खेती के कोई संकेत नहीं हैं। दुनिया की सबसे सिंचित उपजाऊ गेहूं उगाने वाली भूमि वाले देश में आटे की कमी है और इसे आयात करने के लिए पैसे नहीं हैं। इस्लाम खबर के अनुसार, बाजार की रिपोर्ट कहती है कि 20 किलो आटे का 1200 पाकिस्तानी रुपए का बैग 3,00 पाकिस्तानी रुपए तक पहुंच गया है।

इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF) ने भी पाकिस्तानी रुपए की कीमत (PKR) को तीन महीने के निचले स्तर पर खड़ा कर दिया है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने एक करेंसी एक्सचेंज एक्सपर्ट के हवाले से कहा- पाकिस्तानी रुपए का उचित मूल्य वह है जो ब्लैक मार्केट में 260-270 रुपए प्रति डॉलर पर है। सरकार ने गलत तरीके से मुद्रा को ज्यादा मूल्य पर रखा है। वर्ल्ड बैंक ने देश को लेकर एक और वैश्विक मंदी की चेतावनी दी है। 13 जनवरी, 2023 को वर्ल्ड बैंक ने चालू वर्ष के दौरान पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि को दो प्रतिशत तक धीमा करने का अनुमान लगाया है।

पाकिस्तान अब जलवायु परिवर्तन का नया बहाना लेकर आया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का कहना है कि देश को जलवायु परिवर्तन का सामना करने की अपनी क्षमता में सुधार और पुनर्निर्माण के शुरुआती प्रयासों के लिए अगले तीन सालों में 16.3 बिलियन अमरीकी डालर की जरूरत होगी।

शरीफ परिवार ने पहले इमरान खान को ‘भीख’ के लिए लताड़ा था। उन्होंने कहा था कि इमरान भीख के कटोरे के साथ दुनिया भर में घूमे थे। अब खान उसी तारीफ का जवाब दे रहे हैं उन्होंने पूछा कि शरीफ ने जेनेवा सम्मेलन में जाने पर पैसे क्यों ‘बर्बाद’ किए, जहां सहायता का वादा किया गया था। इस्लाम खबर की रिपोर्ट के अनुसार, ‘भीख’ जारी है, चाहे पाकिस्तान पर किसी का भी शासन हो।

पाकिस्तान सरकार समर्थन मूल्य की घोषणा में देरी कर रह है। इस कारण किसान गेहूं की खेती के तहत क्षेत्र को बढ़ाने के लिए अनिच्छुक हैं। वे फर्टीलाइजर की कमी और कमजोर फसल संभावना के कारण “कृषि-आपातकाल” की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तान किसान इत्तेहाद (PKI) के अध्यक्ष खालिद महमूद खोखर ने कहा कि घरेलू गेहूं उत्पादन को बढ़ावा देने के बजाय, सरकार अन्य देशों के किसानों से उच्च कीमतों पर जिंस खरीदकर उनका समर्थन कर रही है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के गिरते आर्थिक उत्पादन से क्षेत्रीय विकास दर भी नीचे आ रही है। बैंक ने 2024 में पाकिस्तान की जीडीपी विकास दर में सुधार कर 3.2 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया है, जो पहले के 4.2 प्रतिशत के अनुमान से कम होगा।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने पहली बार खुलकर ये माना है कि उनके मुल्क को भारत के साथ कश्मीर समेत तमाम मुद्दों पर बातचीत की जरूरत है। शाहबाज के मुताबिक- पाकिस्तान ने भारत के साथ तीन युद्ध लड़े और इनसे सिर्फ गरीबी और भुखमरी मिली।

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