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ज्ञानवापी मामले में आज से फिर हियरिंग

वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मंदिर विवाद पर सोमवार दोपहर 2 बजे सुनवाई होगी। जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश की अदालत में केस की मेरिट पर सुनवाई होनी है। मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें रखेगा। दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट तय करेगा कि केस चलने योग्य है या नहीं। इसके अलावा परिसर में मां शृंगार गौरी के दर्शन-पूजन और देवी-देवताओं के विग्रहों को सुरक्षित करने पर भी पक्ष रखे जाएंगे।

सुनवाई से पहले हिंदू पक्ष ने भगवान काशी विश्वनाथ के दर्शन किए हैं। उनके साथ वकील विष्णु शंकर जैन भी थे। उन्होंने कहा, ”मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें जारी रखेगा। उनके अनुसार, मामला चलने योग्य नहीं है, लेकिन हमने कहा है कि यह बनाए रखने योग्य है। वहां पूजा करने की हमारी मांग कानूनी रूप से मान्य है।”

अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी का दावा है कि ज्ञानवापी परिसर में प्लेसेज ऑफ वर्शिप (स्पेशल प्रॉविजंस) एक्ट, 1991 लागू होगा। यानी देश की आजादी के दिन धार्मिक स्थल की जो स्थिति थी, वही रहेगी। हिंदू पक्ष की महिलाओं का दावा है कि ज्ञानवापी में प्लेसेज ऑफ वर्शिप (स्पेशल प्रॉविजंस) एक्ट, 1991 लागू नहीं होगा। वहां देश की आजादी के बाद वर्ष 1991 तक मां शृंगार गौरी की पूजा होती थी।

ज्ञानवापी परिसर में मस्जिद की देखरेख अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी करती है। उसके एडवोकेट अभय नाथ यादव ने मुकदमे की सुनवाई पर सवाल उठाए हैं। वह अपनी आपत्ति के 52 में से 39 बिंदुओं पर अपनी दलीलें पेश कर चुके हैं। उनकी दलील आज होने वाली सुनवाई में भी जारी रहेगी। इसके बाद हिंदू पक्ष बहस शुरू करेगा।

18 अगस्त 2021 को राखी सिंह सहित 5 महिलाओं ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में केस दाखिल किया था। मुद्दा मां शृंगार गौरी मंदिर में नियमित पूजा-पाठ और ज्ञानवापी के अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा का था। कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश दिया था। साथ ही, ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाना और टॉयलेट को सील करा दिया था।

इस पर मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने प्रकरण की सुनवाई करने के लिए जिला जज को निर्देशित किया। जिस वजूखाने को सील कराया गया है, उसमें स्थित पत्थर की संरचना को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि वह शिवलिंग है। वहीं, मुस्लिम पक्ष का दावा है कि वह पुराना फव्वारा है।

सुनवाई के बीच प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी सहित 10 लोगों ने इस प्रकरण में पक्षकार बनाने के लिए कोर्ट में अर्जी दे रखी है। ज्ञानवापी सर्वे की वीडियोग्राफी-फोटोग्राफी की रिपोर्ट लीक हुई थी।

इस संबंध में राखी सिंह के पैरोकार विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने CBI जांच के लिए कोर्ट में अर्जी दी है। इन सभी अर्जियों से पहले जिला जज की कोर्ट महिला पक्ष की तरफ से दाखिल मुकदमे पर सुनवाई करेगी।

आज एडवोकेट को लेकर भी घमासान मच सकता है। दरअसल, ज्ञानवापी के संबंध में विश्व वैदिक सनातन संघ की ओर से अब तक 7 मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। इनमें से उन्होंने 2 मुकदमे से दूरी बना ली है और 5 मुकदमों से जुड़े हुए हैं।

संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन का कहना है कि मां शृंगार गौरी के मसले में शुरुआत से अदालत में पक्ष रख रहे एडवोकेट हरिशंकर जैन, मदन मोहन यादव, सुधीर त्रिपाठी और सुभाष चतुर्वेदी का वकालतनामा निरस्त करने के लिए आज कोर्ट में अर्जी दी जाएगी।

अब उनके मुकदमों की पैरवी एडवोकेट शिवम गौड़, मान बहादुर सिंह और अनुपम द्विवेदी करेंगे। उधर, एडवोकेट हरिशंकर जैन का कहना है कि राखी सिंह के अलावा मुकदमा दर्ज कराने वाली सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी उनके साथ हैं। ऐसे में उन्हें मुकदमे की पैरोकारी से भला कौन अलग कर सकता है।

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