बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को आपस में जोड़ने के लिए सरकार रेल सर्किट विकसित करेगी । चारों धाम देहरादून और कर्णप्रयाग से रेल नेटवर्क के माध्यम से जुड़ जाएगे । इसकी अनुमानित लागत ४३ हजार करोड़ होगी । रेेलवे के सार्वजनिक उपक्रम रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने इसके अंतिम सर्वे का काम शुरु कर दिया हैं । रेल मंत्री सुरेश प्रभु १३ मई को बदरीनाथ में इस सर्किट का शिलान्यास करेंगे । वर्तमान में चार धाम के निकटतम स्टेशन हैं डोईवाला, ऋषिकेश व कर्णप्रयाग । सर्वे के अनुसार सर्किट में २१ नए स्टेशन, ५९ पुल बनेंगे । साथ ही ६१ सुरंगे बनेगी । जिनकी कुल ंलंबाई २७९ किलोमीटर होगी । लेकिन इसके लिए रेलवे को हिमालय की ऊबड़- खाबड़ मजबूत पत्थरों, चट्टानों पर ट्रेक बिछाने की चुनौती का सामना करना होगा । चारों धाम अपनी अलग -अलग और विशिष्ट ऊंचाई पर अपने खास आध्यात्मिक महत्व रखते हैं । पत्थरों को काटकर ट्रेक बनाना चुनौती होगी । केदारनाथ धाम भगवान शिव का आवास हैं । यह १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं, जो समुद्र तल से ३५८३ मीटर ऊंची है जबकि बद्रीनाथ भगवान विष्णु का आवास है जिसकी समुद्र तल से ऊंचाई ३१३३ मीटर हैं । यहां बड़ी संख्या में देशी, विदेशी पर्यटक आते हैं । यमुनोत्री की समुद्र तल से ऊंचाई ३२९३ मीटर हैं । गंगोत्री, जहां से गंगा निकलती है उसकी समुद्र तल से ऊंचाई ३४०८ मीटर हैं । ४३२९२ करोड़ रुपये का जंगी खर्च किया जाएगा । सर्किट ट्रेक की लंबाई ३२७ किलोमीटर की रहेगी ।