(1) जब भी देखता हूं किसी गरीब को
हँसते हुए तो यकीन आ जाता है,
की खुशियों का ताल्लुक दौलत से
नहीं होता जिसका मन मस्त है,
उसके पास समस्त है ।
(2) पहाडो पर बैठ कर तप करना सरल है
लेकिन परिवार मे सबके बीच रहकर
धीरज बनाये रखना कठिन है
(1) जब भी देखता हूं किसी गरीब को
हँसते हुए तो यकीन आ जाता है,
की खुशियों का ताल्लुक दौलत से
नहीं होता जिसका मन मस्त है,
उसके पास समस्त है ।
(2) पहाडो पर बैठ कर तप करना सरल है
लेकिन परिवार मे सबके बीच रहकर
धीरज बनाये रखना कठिन है