एनआरआई विदेशी खातों पर भी आईटी विभाग की नजर

दशकों से कई भारतीय टैक्स से बचने के लिए और अपनी ब्लैक मनी को वाइट करने के लिए १८२ दिन देश से बाहर रहकर एनआरआई स्टेटस पा लेते हैं । एनआरआई स्टेटस की वजह से विदेशी बैकों में जमा उनके पैसे को भी कानूनी रुप मान्यता आसानी से मिल जाती हैं । लेकिन अब यह करना आसान नहीं होगा । कुछ दिनों पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेन्ट ने टैक्स रिटर्न फॉर्म में नया नियम जोड़ दिया हैं । जिसके बाद एनआरआई को विदेशी बैंक एकाउंट्‌स की भी जानकारी देना अनिवार्य होगा । सालों से देश के बाहर रह रहे एनआरआई को भी भारत में स्टॉक्स, प्रोपर्टीज, बैंक डिपोजिट और बॉन्ड्‌स से होने वाली आय पर रिटर्न फाइल करना होता हैं । विदेशी बैकों में जमा ब्लैक मनी पर सरकार की सख्त नीतियों के बाद कई एनआरआई ने दुबई, सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग जैसे देशों में बैंक अकाउंट खोल पैसा स्विट्‌जरलैंड से ट्रांसफर करना शुरु कर दिया हैं । इस साल से एनआरआई को टैक्स विभाग के साथ भारत के बाहर सभी बैंक अकाउंट्‌स की जानकारी बैकों का नाम, बैंक किस देश में है, स्व्फिट कोड के जरिए एक देश से दूसरे देश के बैंक में फंड के ट्रांसफर की जानकारी मिल पाएगी वहीं आईबीएएन से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गए लेन देन की जानकारी टैक्स विभाग को मिलेगी । उल्लेखनीय है कि कई विदेशी और प्रवासी जो भारत में काम कर रहे हैं वे अपने देश में बैंक अकाउंट्‌स की जानकारी देना नहीं चाहेंगे ।टैक्स रिटर्न फोर्म में बिना नियम बदले या नोटिफिकेशन दिए बदलाव किया गया हैं ।

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