डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम ने कहा कि वह नए आवेदन के जरिए नए जनरल बीमा लाइसेंस के लिए मंजूरी मांगेगी, जिसका उद्देश्य ७४ प्रतिशत अपफ्रंट इक्विटी हिस्सेदारी के साथ बहुसंख्यक शयरधारिता हासिल करना है ।
एक नियामक फाइलिंग में पेटीएम ने जनरल बीमा क्षत्र में पैठ बनाने के अपने इरादे को दोहराया । पेटीएम ने कहा कि वह जनरल बीमा लाइसेंस के लिए अपने रोडमैप पर उत्साहित है, “और हम एक नए जनरल बीमा लाइसेंस के लिए आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने का इरादा रखते हैं, जिसमें हमारे पास ७४ प्रतिशत बहुमत हिस्सेदारी हो ।”
भारत में पेटीएम व्यापक स्तर पर इस्तेमाल होता है । यह डिजिटल भुगतान का पर्याय बन गया है । यह देश में क्यूआर कोड और वॉलेट ट्रेंड में अग्रणी है । इसने वित्तीय सेवाओं में भी सफलतापूर्वक प्रवेश किया है क्योंकि इसके पार्टनर-बेस्ड लोन देने वाले व्यवसाय ने तेजी से ग्रोथ हासिल की है । इससे कंपनी को भारत में प्रौद्योगिकी आधारित बीमा क्षत्र में पैठ बनाने के लिए नया आवेदन फाइल करने का विश्वास मिला । पेटीएम की मूल फर्म वन ९७ कम्युनिकेशंस लिमिटेड है, जिसके पास बहुमत हिस्सेदारी होगी । रविवार को एक अलग फाइलिंग में पेटीएम ने अप्रैल महीने के लिए अपना बिजनेस अॉपरेटिंग अपडेट साझा किया । पेटीएम के उधार कारोबार का अब सालाना २०,००० करोड़ रुपये का रन रेट है ।
नए लाइसेंस के लिए मंजूरी लेने का र्निणय पेटीएम और रहेजा क्यूबीई द्वारा आरक्यूबीई के प्रस्तावित अधिग्रहण को बंद करने के लिए पारस्परिक रूप से सहमत होने के बाद लिया गया है । एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने कहा, “हमारी सहयोगी कंपनी, पेटीएम इंश्योरटेक प्राइवेट लिमिटेड ने रहेजा क्यूबीई जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड का १००% अधिग्रहण करने के लिए एक शयर खरीद समझौता किया है । चूंकि शयर बिक्री और खरीद लेनदेन उक्त समझौते के तहत पार्टियों द्वारा परिकल्पित समय अवधि के भीतर समाप्त नहीं हुआ है, समझौता स्वतः समाप्त हो गया है ।”
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