स्कूल बस-वान में फायर सेफटी का नियम कागज पर

सूरत में सेवन्थ-डे स्कूल की वान में आग लगने पर विद्यार्थियों के झुलस जाने की घटना से फिर एकबार बस, वान या रिक्शा में स्कूल में जाते-आते विद्यार्थी की सुरक्षा पर प्रशन खड़ा हो गया है । स्कूल वान या बस में आग की दुर्घटना से निपटने के लिए फायर एक्स्टिग्विशर लगाना अनिवार्य है । फिर भी अहमदाबाद सहित राज्यभर में कहीं भी इसका पालन नहीं होता है । अहमदाबाद शहर में ऊंची फीस वसूलती स्कूलों को भी विद्यार्थियों की सुरक्षा से संबंधित नियमों का करने में उदासीन है । शिक्षा विभाग सहित के सरकार के जिम्मेदार प्रशासन भी इस मामले में दोषी रूप से नजरअंदाज कर रहे है । नियम के अनुसार स्कूलवान-ऑटोरिक्शा तथा स्कूलबस में नियम से ज्यादा बच्चों को बिठाने के मुद्दे पर हाईकोर्ट में हुई पीआईएल की वजह से कोर्ट के सरख्त रवैये से ट्राफिक पुलिस तथा आरटीओ नियम के कार्यान्वयन के लिए तैयारी कर रही है तब स्कूलवान-ऑटोरिक्शा के चालक नियमों को नजरअंदाज कर रहे हैं । स्कूलवान-ऑटोरिक्शा तथा स्कूल बस के कई नियम बनाये गये हैं, जिसमें से स्कूलवान-ऑटोरिक्शा में फायर एक्स्टिग्विशर रखने के लिए अनिवार्य है, जबकि शोर्ट सर्किट या अन्य किसी वजह से स्कूलवान-ऑटोरिक्शा आग लगे तब फायर एक्स्टिग्विशर इक्विपमेन्ट से आग पर नियंत्रण पाया जा सकता है । कुछ दिन पहले अहमदाबाद शहर के ईसनपुर क्षेत्र में भी एक स्कूलवान में शोर्ट सर्किट की वजह से आग लगने पर ११ विद्यार्थी बच गये थे, लेकिन स्कूलवान में एक्स्टिग्विशर साधन नहीं होने से स्कूलवान जलकर खाक हो गई थी । शहर के सार्वजनिक रास्ते हो गली-सोसाइटी और आवास क्षेत्रों में बच्चों को स्कूल ले जाते वाहनों में ज्यादा विद्यार्थी का टोला दिखाई देता है । स्कूल के बच्चों को ले जाती स्कूलवान-ऑटोरिक्शा एक साथ १० से ज्यादा विद्यार्थियों को बिठाया जाता है । कई विद्यार्थी स्कूल ऑटोरिक्शाचालक की सीट के पास में या तो लटकर खतरनाक तरीके से बैठे होते है । इसके अलावा आरटीओ तथा ट्राफिक पुलिस भी मूकदर्शक बनकर नजरअंदाज कर रहे हैं ।

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