राष्ट्रपति चुनाव को विचारधारा की लड़ाई बताकर विपक्ष ने जोरशोर से मीरा कुमार को साझा उम्मीदवार तो बना दिया, लेकिन वोटिंग वाले दिन विपक्ष के तेवर पस्त नजर आए । सोमवार को विपक्ष के नेताओं की बॉडी लैंग्वेज और उनके बयान बता रहे थे कि वे हारी हुई लड़ाई लड़ रहे हैं । हालांकि एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद की जीत तो पहले से ही तय मानी जा रही थी, लेकिन विपक्ष ने जिस उत्साह के साथ मीरा कुमार को मैदान में उतारा था, वह जोश वोटिंग वाले दिन नजर नहीं आया । उपर से कुछ जगहों पर क्रोस वोटिंग ने भी विपक्ष तो झटका देने का काम किया । विपक्षी एकता की अहम साझीदार ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के विधायकों ने त्रिपूरा में मीरा कुमार को वोट न देने का ऐलान किया । उन्हें सीपीएम को साथ लिए जाने पर एतराज था । त्रिपुरा टीएमसी अध्यक्ष आशीष साहा ने कहा कि दिल्ली में बैठकर सीपीएम के साथ एकजुट होकर मीरा को समर्थन देने के लिए तैयार हो गए । जो सीपीएम को सपोर्ट करेगा, हम उसका साथ नहीं देंगे । हम एनडीए के कैंडिडेंट को वोट करेगे, जो सीपीएम के खिलाफ हैं । हमारे छह विधायक कोविंद को वोट देंगे ।एसपी नेता शिवपाल यादव ने कहा कि वह और मुलायम सिंह यादव एनडीए प्रत्याशी कोविंद का समर्थन करेंगे । शिवपाल ने कहा कि मीरा कुमार को समर्थन देने का फैसला करने से पहले हमसे राय नहीं ली गयी । कोविंद एक सेक्युलर इंसान हैं । मैं और मुलायम उनका ही समर्थन करेंगे । माना जा रहा हैं कि शिवपाल और मुलायम विधायक भी कोविंद के पक्ष में वोट कर सकते हैं । आम आदमी पार्टी ने मीरा कुमार को समर्थन देने का एलान किया था, लेकिन खबरें आ रही हैं कि पंजाब विधानसभा में कुछ आप विधायक एनडीए उम्मीदवार कोविंद को वोट दे सकते हैं । हालांकि इस संबंध में कोई बयान या पुष्ट जानकारी सामने नहीं आई हैं ।