केंद्रीय बजट पेश होने के एक दिन बाद यानी आज मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही किसानों के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने किसान विरोधी काले कानून वापस लेने के लिए नारेबाजी की। इससे पहले कई विपक्षी पार्टियों ने किसानों के मुद्दे पर चर्चा की मांग के लिए नोटिस दिया था, लेकिन राज्यसभा अध्यक्ष की तरफ से आज चर्चा के लिए इनकार कर दिया गया। इसके बाद विपक्षी दल सदन से वॉकआउट कर गए और शन्यू काल शुरू हो गया। प्रश्नकाल के दौरान किसान आंदोलन को लेकर विपक्ष के जबरदस्त हंगामें के बाद राज्यसभा की कार्यवाही 10.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। इसके बाद फिर से शुरू हुई कार्यवाही विपक्ष की नारेबाजी के चलते दोबारा स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा, कृषि कानूनों पर सदन में चर्चा हुई थी। यह गलत धारणा बन रही है कि कृषि कानूनों पर सदन में कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा, मतदान के संबंध में लोगों के अपने तर्क हो सकते हैं, लेकिन हर पार्टी ने हिस्सा लिया था और अपने सुझाव दिए थे। उन्होंने कहा, अगर आप चाहें आपके सामने चर्चा का रिकॉर्ड रखा जा सकता है। सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा, माननीय राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में किसान आंदोलन का जिक्र किया था। मैं आज से चर्चा शुरू करना चाहता था, लेकिन मुझे बताया गया, परंपरा के हिसाब से पहले चर्चा लोकसभा में शुरू होगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए हम बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा करने के लिए सहमत हुए हैं। प्रश्नकाल के दौरान किसान आंदोलन को लेकर विपक्ष के जबरदस्त हंगामें के बाद राज्यसभा की कार्यवाही 10.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। इसके बाद फिर से शुरू हुई कार्यवाही विपक्ष की नारेबाजी के चलते दोबारा स्थगित कर दी गई।
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