देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के खिलाफ वैक्सीन प्रोग्राम शुरू हो चुका है। सरकार ने पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को शामिल किया है। सूत्रों का कहना है कि वैक्सीन कार्यक्रम के दूसरे चरण में राजनेताओं को वैक्सीन दी जा सकती है। इस दौरान उन सांसद, विधायकों को वैक्सीन दी जा सकती है, जो ज्यादा उम्र के हैं और बीमारियों से जूझ रहे हैं। खास बात है कि देश में कई बड़े नेताओं की उम्र 80 साल से अधिक है, जिन्हें वैक्सीन के मामले में तरजीह मिल सकती है। ऐसे नेताओं में दो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवगौड़ा भी शामिल हैं।
सरकार ने पहले ही साफ कर दिया था कि वैक्सीन प्रोग्राम अलग-अलग चरणों में पूरा किया जाएगा। इस ड्राइव का दूसरा चरण अप्रैल से शुरू हो सकता है। जिसमें देश के 50 साल से ज्यादा उम्र वाले मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को वैक्सीन दी जाएगी। इस चरण में प्रधानमंत्री और कई मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। आंकड़ों से पता चलता है कि लोकसभा में तीन सौ से ज्यादा और राज्यसभा में तकरीबन तकरीबन 200 सांसद 50 की उम्र पार कर चुके हैं।
बता दें, हर चरण के लिए सरकार ने अलग तैयारियां की हैं। ऐसे में देश में वैक्सीन प्रोग्राम के पहले चरण में किसी भी जनप्रतिनिधि को टीका नहीं लगाया जा सकता है। रिपोर्ट्स में वैक्सीन प्रणाली से जुड़े एक आधिकारी का हवाला दिया गया है।
देश में वैक्सीन प्रोग्राम शुरू होने से पहले ही की लोगों ने इसकी सत्यता पर सवाल उठाए थे। सूत्रों के अऩुसार, ऐसे में वैक्सीन को लेकर तैयार हुई नेशनल टास्क फोर्स ने भी इस बात को माना था कि 27 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए नेताओं का सहयोग जरूरी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर राजनेता वैक्सीन प्रोग्राम में शामिल होते हैं, तो इससे लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर जारी संदेह दूर करने में मदद मिलेगी।
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