चीनी सरकार के मुखपत्र माने जाने वाले सिक्किम मुद्दे पर एक लेख के जरिए भारत पर निशाना साधा हैं । लेख के मुताबिक सिक्किम क्षेत्र में एक सड़क बनाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की यात्रा से पहले भारत के आपत्ति जताने का मकसद वोशिंग्टन को यह दिखाना था कि वह चीन के उदय को रोकने के लिए कटिबद्ध है । बता दें कि मोदी ने २५ से २७ जून तक अमेरिका की यात्रा की थी । एक लेख में कहा कि मोदी ने ट्रंप के साथ अपनी बैठक की तैयारी के लिए दो कदम उठाए । पहला उन्होंने अमेरिका के साथ हथियारों का सौदा किया । हथियार सौदे से अमेरिका को भारत से भारी आर्थिक लाभ ही नहीं होगा बल्कि इससे चीन पर नजर रखने के लिए भारत प्रशांत क्षेत्र में भारत की स्थिति मजबूत होगी । सरकारी थिंक टैंक शंघाई इंस्टिट्यूट फॉर इंटरनैशनल स्टडीज में वरिष्ठ फेेलो ने लियू जोंग्यूी ने लेख में कहा कि दूसरे कदम का मकसद अमेरिका को यह दर्शाना है कि चीन के उदय को रोकने के लिए भारत कटिबद्ध हैं । उन्होंने डोकलाम में जारी गतिरोध पर कहा कि उदाहरण के तौर पर भारतीय बलों ने चीन भारत सीमा के विवादित सिक्किम क्षेत्र को पार किया और मोदी की अमेरिकी यात्रा से कुछ दिन पहले चीनी कर्मियों को सड़क निर्माण करने से रोका । लेख के मुताबिक मोदी सरकार चीन भारत संबंधों की कीमत पर अमेरिकी सहयोग चाहता है और उसने चीन के उदय को रोकने के लिए नेतृत्व किया हैं । बता दें कि भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार डोकलाम घटना १६ जून को हुई जबकि चीनी विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि भारतीय भारतीय बलों ने पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों को सड़क निर्माण से १८ जून को रोका था ।
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