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अहमदाबाद में इंजीनियर ने शुरू की चाय की केतली

कोरोना के कारण देश के हर क्षेत्र में लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है। जिसके कारण लोगों के मन में अब परिवर्तन की हवा बह रही है। नौकरियों के बजाय लोग अब अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने पर जोर दे रहे हैं। अगर आपको कोरोना की वजह से नौकरी नहीं मिल रही है और आप भी कुछ अलग करने की सोच रहे हैं। तो यह खबर आपके लिए प्रेरणादायक हो सकती है।आज भी उच्च डिग्री वाले कई शिक्षित युवा नौकरी के लिए भटक रहे हैं। जबकि अहमदाबाद का एक इंजीनियर युवक खुद आत्मनिर्भर हो गया है।
मेघाणीनगर में रहने वाले रौनक राजवंशी नामक युवक ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है।डिग्री हासिल करने के बाद नौकरी हासिल करने के लिए कई जगहों पर धक्का खाने के बाद वह आत्मनिर्भर बनने का फैसला किया। आखिरकार शहर के शाहीबाग में सुभाष ब्रिज के पास “इंजीनियर की चाय” नामक अपनी केतली शुरू की है। रोनके ने 2015 में अपनी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की, लेकिन तब से उसे कहीं अच्छी नौकरी नहीं मिली। रौनक के परिवार में उसके माता-पिता और एक बहन भी है।
रौनक के पिता भी अहमदाबाद में चाय की केतली चलाते हैं। पढ़ाई के बाद रौनक को 7,000 रुपये के मासिक वेतन पर एक जगह पर नौकरी मिली थी। लेकिन इतने पैसों से वह परिवार का भरण पोषण नहीं कर सकता था।आखिरकार उसने चाय की केतली शुरू किया।अगर काम करने का जुनून हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है। कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। नौकरी की तलाश कर घर बैठे रहना इससे अच्छा है चाय बेचा जाए।यदि आप एक शिक्षित बेरोजगार भी हैं और कुछ करना चाहते हैं, तो किसी को किसी तरह रोजगार मिल सकता है। नौकरियां एकमात्र समाधान नहीं हैं।

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