पंजाब सरकार ने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब सीबीआई को पंजाब में किसी भी नए केस की जांच के लिए राज्य सरकार की मंजूरी लेनी जरूरी होगी। राज्य की अमरिंदर सरकार ने एक आदेश पारित करके सीबीआई को राज्य में न्यायक्षेत्र और शक्तियों के इस्तेमाल के लिए दी गई सहमति को वापस ले लिया है। हालांकि सीबीआई ने जनरल कंसेंट वापसी से पहले तक पंजाब में जो भी केस दर्ज किए हैं, उनकी जांच एजेंसी कर सकेगी।
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के कार्यक्षेत्र और कार्यप्रणाली को लेकर कुछ राज्य पहले ही सवाल उठा चुके हैं। पश्चिम बंगाल, केरल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, सिक्किम, त्रिपुरा, राजस्थान में भी सीबीआई को केस की जांच से पहले राज्य सरकारों की अनुमति लेना अनिवार्य है। इन राज्यों में सीबीआई की एंट्री रोकी जा चुकी है।
बता दें, सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम द्वारा शासित की जाती है। इस अधिनियम के तहत उसे किसी भी राज्य में जांच के लिए राज्य सरकार की सहमति लेना अनिवार्य है। हाल ही में झारखंड और महाराष्ट्र की सरकारों ने भी सीबीआई से बिना अनुमति जांच का अधिकार वापस ले लिया था। महाराष्ट्र में 22 अक्टूबर को इसकी घोषणा हुई थी। सामान्य सहमति को वापस लेने का मतलब है कि राज्य सरकार की अनुमति के बिना इन राज्यों में प्रवेश करते ही किसी भी सीबीआई अफसर के पुलिस अधिकारी के रूप में मिले सभी अधिकार खत्म हो जाते हैं।
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