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19 नवंबर को बंद होंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट

उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्व प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट आगामी 19 नवंबर को शीतकाल के लिए श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु बंद कर दिये जायेंगे। विजयदशमी के पावन पर्व पर बद्रीनाथ धाम में आयोजित विशेष समारोह में मंदिर के कपाट बंद किए जाने की तिथि घोषित की गई। इसके साथ ही, उत्तराखंड में इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ हरीश गौड ने बताया कि रविवार को विजयादशमी पर बदरीनाथ मंदिर में परंपरागत पूजा-पाठ के बाद पंचाग गणना कर कपाट बंद करने का मुहूर्त निकाला गया, जिसके अनुसार बृहस्पतिवार 19 नवंबर को अपराह्न तीन बजकर 35 मिनट पर मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे। चार धामों में से केवल बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद करने की ही तिथि निकाली जाती है और अन्य तीनों धामों की तिथि दिवाली के त्योहार से निर्धारित होती है।
गंगोत्री मंदिर के कपाट दिवाली के अगले दिन 15 नवंबर को अन्नकूट पर्व पर बंद किए जाएंगे, वहीं 16 नवंबर को भाईदूज के पर्व पर केदारनाथ और यमुनोत्री मंदिर के कपाट बंद होंगे। उन्नीस नवंबर को बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा । डॉ गौड ने बताया कि कोविड-19 के कारण इस साल एक जुलाई से शुरू हुई चारधाम यात्रा में 22 अक्टूबर तक देश भर से 1,57,063 श्रद्धालुओं ने मंदिरों में पहुंचकर दर्शन किए, जिनमें से 1,38,807 तीर्थयात्री बदरीनाथ एवं केदारनाथ पहुंचे। बता दें कि बद्रीनारायण मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, जो कि उत्तराखंड में चमोली जिले के बद्रीनाथ शहर में स्थित है। मान्‍यता है कि केदारनाथ धाम, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा के बाद अगर आपने बद्रीनाथ धाम की यात्रा नहीं की तो आपकी चारधाम यात्रा अधूरी मानी जाती है। हर साल अप्रैल-मई से अक्टूबर-नवंबर तक चलने वाली चारधाम यात्रा को गढ़वाल हिमालय की आर्थिकी की रीढ़ माना जाता है।

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