उपचुनाव से ठीक पहले मोरबी जिला पंचायत अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले कांग्रेसी नेता किशोर चिखलिया ने भाजपा ज्वाइन कर लिया है। पार्टी बदलने के साथ ही उनके बोल भी बदल गए हैं। पार्टी छोड़ने के साथ उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोलते हुए हार्दिक पटेल और ललित कगथरा पर टिकट का व्यापार करने का आरोप लगाया था। अब मामले को लेकर हार्दिक पटेल ने अपने वकील के जरिए लीगल नोटिस भेजा। कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने अपने वकील आनंद याज्ञनिक के जरिए किशोर चिखलिया को नोटिस भेजा है। जिसमें 10 दिनों के अंदर विवादस्पाद बयान का खुलासा मांग गया है। किशोर चिखलिया ने पार्टी छोड़ने के बाद कहा था, “मेरा नाम फाइनल था लेकिन वित्तीय लेनदेन कर हार्दिक पटेल और ललित कगथरा ने मेरे नाम पर पार्टी का मुहर नहीं लगने दिया।
हार्दिक पटेल द्वारा भेजे गए मानहानि कानूनी नोटिस में कहा गया है कि किशोर चिखलिया को 10 दिनों के भीतर हार्दिक के खिलाफ लगाए गए आरोपों का सबूत दें। नहीं तो हार्दिक से माफी मांगे और उसका पत्र मीडिया को दें। उनके इस बयान से हार्दिक की छवि धूमिल हुई है। अगर 10 दिनों के भीतर कोई सबूत पेश नहीं किया जाता है, तो हार्दिक उसके खिलाफ आपराधिक और मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। किशोर चिखलिया जिला पंचायत अध्यक्ष हैं।
उपचुनाव को लेकर वह मोरबी सीट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। लेकिन टिकट नहीं मिलने से नाराज उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर लिया है। उपचुनाव से पहले होने वाला यह बदलाव कांग्रेस के लिए नई चुनौती को खड़ा कर दिया है। किशोर चिखलिया ने इस मौके पर कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि हार्दिक पटेल के इशारे पर ही जयंती पटेल को मोरबी सीट का टिकट मिला है। इतना ही नहीं उन्होंने हार्दिक पटेल और ललित कगथरा पर टिकट का व्यापार करने का आरोप लगाया है।
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