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चीन को भारतीय सेना का दो टूक जवाब: हैं तैयार हम…!

भारतीय सेना ने चीन के तमाम अफवाहों और खुराफातों को दो टूक जवाब देते हुए कहा है कि चीन द्वारा उत्पन्न की जाने वाली हर विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं हम। भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि चीन जिस सेना के बल पर प्रोपोगैंडा फैला रहा है, उसके जवानों को फील्ड और ऊंचे इलाकों में जंग का कोई अनुभव नहीं है। ये लोग शहरी इलाकों से आते हैं और इन्हें जमीनी हालात का कोई अंदाजा नहीं।

बुधवार को बयान में सेना की उत्तरी कमान के प्रवक्ता ने कहा कि अगर सर्दी के मौसम में पूर्वी लद्दाख में जंग जैसे हालात बन भी जाते हैं, तो भारतीय सेना इसके लिए पूरी तरह से तैयार और सक्षम दिखेगी। प्रवक्ता ने कहा, ‘भारत एक शांतिप्रिय देश है और हम चाहते हैं कि पड़ोसियों से हमारे रिश्ते हमेशा ही बेहतर रहें। हम हमेशा बातचीत के जरिए मसलों को हल करना चाहते हैं। ऐसे वक्त में जब भारत और चीन के मध्य कूटनीतिक स्तरों पर बातचीत हो रही है, उस वक्त में भी हम सैन्य मोर्चे पर पूरी तरह से तैयार हैं।

जी हां पूर्वी लद्दाख में चीन से तनातनी के हालातों के बीच भारतीय सेना ने बुधवार को एक बड़ा बयान देते हुए चीन को स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की है। चीनी मीडिया में भारतीय सेना की अधूरी तैयारियों के दावे वाली खबरों के चलने के बाद भारतीय सेना ने कहा है कि वह किसी भी स्थिति में सामरिक हालात से निपटने में पूरी तरह से तैयार है। बुधवार को अपने एक बयान में भारतीय सेना ने कहा कि सर्दी के मौसम में अगर जंग के हालात बन जाते हैं, तो चीन का सामना भारत (LADAKH) की एक ऐसी सेना से होगा जो कि सक्षम और सशक्त रूप में उनके सामने खड़ी होगी।

सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि दुनिया को यह याद रखना चाहिए कि हमारे पास सियाचिन जैसे मुश्किल रणक्षेत्रों में जंग लड़ने का अनुभव है। चीन के ग्लोबल टाइम्स ने यह दावा किया था कि भारतीय सेना लद्दाख के हालातों में लॉजिस्टिक कैपेबिलिटी के हिसाब से कम तैयार है। ऐसे में यह स्पष्ट करना जरूरी है कि लद्दाख के तमाम इलाकों में पहले से ही सेना के लिए स्वास्थ्य, राशन, हथियार, कपड़ों, जरूरी उपकरणों समेत सभी जरूरी चीजों का पुख्ता इंतजाम किया जा चुका है। इसके अलावा मई में बिगड़े हालातों के बाद से ही इस इलाके में इन सभी चीजों की अतिरिक्त व्यवस्था पहले ही कर दी गई है।

प्रवक्ता ने कहा कि लद्दाख रेंज के तमाम इलाके उच्चतम पर्वतीय क्षेत्रों में आते हैं। इस इलाके में नवंबर के महीने में भारी बर्फबारी होती है। इसके अलावा यहां न्यूनतम तापमान -30 से -40 डिग्री के आसपास पहुंच जाता है। ठंड की इन स्थितियों में कई बार लद्दाख को जोड़ने वाले तमाम रास्ते भी बंद हो जाते हैं। लेकिन इन सब स्थितियों के बावजूद ये जानना जरूरी है कि भारतीय सेना ऐसी स्थितियों से निपटने में पूरी तरह से सक्षम है। हमारे पास ऐसे इलाकों में ड्यूटी करने का एक लंबा अनुभव रहा है और हम एक शॉर्ट नोटिस पर भी किसी भी स्थिति में जाने के लिए पूरी तरह से तैयार रहते हैं।

सेना ने कहा कि पूर्व में लद्दाख जाने के लिए दो रूट्स बनाए गए थे। इनमें एक रूट श्रीनगर-लेह हाइवे पर जोजिला पास का था। वहीं दूसरा रूट मनाली-लेह राजमार्ग पर रोहतांग पास होकर जाता था। अब हमनें धारचा के रास्ते लेह जाने का एक नया रास्ता बनाया है, जो कि पुराने दोनों रास्तों से छोटा है। इसके अलावा इसके बर्फबारी और लैंडस्लाइड्स के कारण बंद होने की संभावना भी काफी कम है। साथ-साथ रोहतांग पास के निकट बनी अटल टनल से भी लद्दाख के इलाकों में सेना की मूवमेंट कैपिसिटी काफी मजबूत हुई है। सेना ने अपने बयान में बताया कि लद्दाख के ऊंचे इलाकों में परिवहन के लिए पर्याप्त मात्रा में ईंधन के साथ, वाहनों के स्पेयर पार्ट्स भी मंगाए गए हैं। इसके अलावा यहां पर जवानों के लिए स्पेशल बैरक, टेंट्स और हीटर्स का इंतजाम किया गया है। इस इलाके में सेना ने आयुध की पर्याप्त आपूर्ति कराई है। इसके तहत यहां पर छोटे हथियारों से लेकर आर्टिलरी और मिसाइल सिस्टम तक सबकुछ तैनात करा दिया गया है। स्वास्थ्य की स्थितियों और युद्ध में किसी तरह से घायल हुए जवानों के लिए इलाज के लिए मेडिकल फसिलटी का पूरा प्रबंध भी किया गया है।

प्रवक्ता ने कहा कि लद्दाख में जवानों और सप्लाई की मूवमेंट्स के लिए हमारे पास सड़क मार्ग के साथ-साथ तमाम एयरबेस भी मौजूद हैं। इसके अलावा रास्तों के अवरुद्ध होने पर बर्फ हटाने के आधुनिक सामानों से लेकर अन्य जरूरी साजो-सामान को लद्दाख को जोड़ने वाले सभी रास्तों पर तैनात किया जा चुका है। लद्दाख में जवानों को सैन्य वाहनों, टैंक्स या किसी भी अन्य मशीनरी के संचालन के लिए ईंधन की कमी ना हो, इसके लिए इस इलाके में पर्याप्त मात्रा में ईंधन और स्पेशल ल्यूब्रिकेंट्स का इंतजाम भी कराया गया है।

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