अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की घनकचरा के निराकरण के लिए बनायी गई पीराणा में मुख्य डम्प साइट को लेकर आसपास के क्षेत्रों के भूगर्भ जल में काफी तेजी से एसिड का प्रमाण बढ़ रहे होने के बारे में तथा यह कारण से शहर के कई क्षेत्रों में रहते लोगों के स्वास्थ्य पर खतरा पैदा गया है इस बारे में एक रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपा गया है । इस बारे में जानकारी है कि, शहर के नारोल क्षेत्र में पीराणा में २० वर्ष पहले-१९९७ में अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन द्वारा अहमदाबाद शहर में से हररोज निराकरण किया जा रहा घन कचरा को एकत्र करना तथा इसका निराकरण करने के बारे में मुख्य साइट शुरू की गई थी । २० वर्ष की अवधि में कई कंपनी को लाखों रुपये फीस के तहत चुकाने के बावजूद भी कई कंपनी ने कामकाज शुरू नहीं करने पर ब्लेकलिस्ट करने के बाद अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन का वहीवटी प्रशासन ७ लाख मैट्रिक टन घनकचरा और ५५ फीट तक की ऊंचाई तक ढेर के रूप में जमा हो गये कचरा का किस तरीके से निराकरण लाये इस बारे में योग्य तथा निश्चित नीति बनाने में विफल रहा है । इस परिस्थिति में एसेसमेन्ट ऑफ ग्राउन्ड वॉटर क्वॉलिटी इन एंड एराउन्ड पीराणा डम्पिंग साइट अहमदाबाद थीम के साथ गुजरात एन्वायरमेन्ट इंस्टीटयूट द्वारा एक सर्वे करके राज्य सरकार को इस बारे में रिपोर्ट भेजा गया है । इस रिपोर्ट में कई गंभीर निष्कर्ष सामने आये है । जिसमें सिर्फ १० फीसदी सेम्पल ही योग्य होने का सामने आया है । २६ फीसदी सेम्पल ऐसे देखने को मिले है जिसमें ट्रीटमेन्ट करने के सिवाय यह पानी उपयोग नहीं किया जा सके या पीने के उपयोग में भी नहीं लिया जा सकता है । साइट की ५०० मीटर की त्रिज्या में किए गए भूगर्भजल के सेम्पल सर्वे में पानी काफी तेजी से एसिडिक हो रहे होने का दर्ज किया गया है । पानी के लिए गए सेम्पलों में छह सेम्पल फलोराइड की मात्रा १.५ मिलीग्राम पर लीटर से भी ज्यादा देखने को मिला है । पानी में सल्फेट और आल्काइन की मात्रा भी ज्यादा देखने को मिली है ।