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विनिर्माण योजना के तहत भारत बन सकता है वैश्विक उत्पादन का बड़ा केन्द्र: वित्त राज्य मंत्री

देश को दवा, इलेक्ट्रॉनिक्स और रसायन क्षेत्र में वैश्विक उत्पादन केंद्र बनाने में ‘अनुबंध पर विनिर्माण की व्यवस्था’ अहम भूमिका निभा सकती है। वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने यह बात कही। ठाकुर ने कहा कि इस परिवर्तित नयी योजना को पिछले साल पेश किया गया था। उद्योग और इसको लेकर व्यापारियों की ओर से दिखाए गए शुरुआती रूझान प्रोत्साहित करने वाले हैं।‘अनुबंध पर विनिर्माण की इस विविध सीमाशुल्क व्यवस्था’ में पूंजीगत सामान के साथ-साथ कच्चे माल या अनुबंध विनिर्माण में उपयोग होने वाले अन्य सामान पर अलग-अलग दर से आयात शुल्क लगाया जाता है। यदि इससे तैयार माल का निर्यात कर दिया जाता है तो उस पर आयात शुल्क वापस कर दिया जाता है। तैयार उत्पाद देश में ही खप जाता है तो कच्चे माल पर आयात शुल्क चुकाना पड़ता है लेकिन इस पर किसी तरह का ब्याज देय नहीं होता।
ठाकुर ने कहा कि इस योजना में देश को इलेक्ट्रॉनिक्स, रसायन और दवा जेसे कई अन्य क्षेत्रों में वैश्विक उत्पादन केंद्र में बदलने की क्षमता है। इतना ही नहीं उत्पादों की मरम्मत और पुराने उत्पादों में से सही उपकरण निकालकर नये उत्पाद बनाने (रीफर्बिश) में भी मदद मिल सकती है। यह देश को एक पैश्विक ई-वाणिज्य केंद्र भी बना सकता है। वह केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमाशुल्क बोर्ड के एक कार्यक्रम को संबांधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी मंच और सूचना प्रौद्योगिकी विनिर्माता संघ के सहयोग से किया गया था। उन्होंने कहा कि यह देश में ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत निवेश बढ़ाने और कारोबार सुगमता के लिए सरकार की ओर से शुरू की गयी विभिन्न योजनाओं में से है।

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