देश में कोरोना से अब तक 24,915 मौतें हो चुकी हैं वहीं इसी बीच चौकाने वाली बात सामने आई है। दिल्ली में पिछले छह महीने में 24000 मौतें हो चुकी हैं लेकिन यह मौतें कोरोना से नहीं बल्कि प्रदूषण से हुई हैं। IQAir AirVisual और ग्रीनपीस के डेटा के मुताबिक प्रदूषण से दिल्ली में 26,230 करोड़ का नुकसान भी हुआ है जो दिल्ली की कुल GDP का 5.8 प्रतिशत है। दिल्ली में पिछले तीन महीनों से प्रदूषण का स्तर संतोषजनक रहा है ऐसे में यह आश्चर्य है कि 2020 के शुरुआती 6 महीनों में सिर्फ दिल्ली में 24000 मौतें हुई हैं।
पर्यावरण पर काम कर रही संस्था ग्रीनपीस के मुताबिक लॉकडाउन के बावजूद भी प्रदूषण के से दिल्ली में पिछले 6 महीनों में 24000 लोगों की मौत हुई जबकि मुंबई में इस से जुड़ी मौत का आंकड़ा 14000 है। ये आंकड़े प्रदूषण और स्वास्थ डाटा को मिलाकर निकाले गए हैं जिसमें 1 जनवरी 2020 से अब तक PM2.5 और NO2 के उत्सर्जन से होने वाले शारीरिक और आर्थिक नुकसान का आंकलन किया जाता है।
ग्रीनपीस इंडिया के क्लाइमेट कैम्पेनर अविनाश चंचल ने बताया कि अगर PM2.5, 20 से ज्यादा है तो फेफड़ों के कैंसर से मरने वाले लोगों की संख्या 25% ज्यादा हो जाती है। अविनाश चंचल ने बताया कि दिल्ली में पिछले 6 महीने में 4000 नए केस अस्थमा के आए हैं। यह स्टडी 28 शहरों में की गई थी और दिल्ली इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित रहा। स्टडी में कहा गया कि जो लोग ज्यादा प्रदूषित शहरों में रहते हैं उनको कोरोना का ज्यादा खतरा है।
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