हाल के दिनों में नेशनल हाईवे पर बढ़ रहे लूटपाट और क्राइम रिकोर्ड को देखते हुए केन्द्रीय गृह मंत्रालय और रोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को इन हाईवेज की सुरक्षा देने को लेकर विचार चल रहा हैं । सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने देश के कुछ ऐसे ही खतरनाक नेशनल हाईवे की लिस्ट बनाई हैं जिसमें आए दिन क्राइम की घटनाए होती रहती हैं । इन सड़कों पर जब भी बड़ी घटना होती है तो सरकार और सुरक्षा एजेसियों पर सवाल उठते रहते हैं । कुछ दिन पहले एक एसी ही चर्चा केन्द्रीय गृह मंत्रालय और रोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय की गलियों में चल रही थी । जिसमें ये कहा गया कि जिस तरीके से सीआईएसएफ एयरपोर्ट और दूसरी संस्थाओं की सुरक्षा बेहतर तरीके से कर रहा है वैसे ही सीआईएसएफ अगर खतरनाक हाईवे जहां पर चलना खतरे से बाहर नहीं हैं । उसकी सुरक्षा करेगा तो टूरिस्टों और एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वाले यात्रियों के लिए बेहतर होगा । आपको बता दे कि सीआईएसएफ को पहले अगस्त २००१ में गृह मंत्रालय ने दिल्ली जयपुर हाईवे की सुरक्षा देने का फैसला कर लिया था जिसमें एमएचए ने अपने आर्डर में कहा था कि सीआईएसएफ एनएच ८ की सुरक्षा देने के लिए नेशनल हाईवे ओथोरिटी ओफ इंडिया से मिले । बाद में अक्टूबर २००१ में गृह मंत्रालय ने १९२ पोस्ट भी एनएच८ की सुरक्षा के लिए इजाजत भी दे दी थी । सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक २००२ में राज्य के विरोध के चलते गृह मंत्रालय ने जो दिल्ली जयपुर हाईवे की सुरक्षा को लेकर कदम बढ़ाए थे उसको मूर्त रुप नहीं दिया जा सका ।
આગળની પોસ્ટ