मोदी कैबिनेट ने बुधवार को कॉपरेटिव बैंक को लेकर बड़ा फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक, अब RBI ही देश के को-ऑपरेटिव बैंकों को रेग्युलेट करेगी। आपको बता दें कि हाल ही में सामने आए पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक संकट के बाद सरकार को ऐसा कदम उठाना पड़ा। इसके अलावा वित्त मंत्री मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों में जमा रकम के लिए डिपॉजिट इंश्योरेंस की लिमिट को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का ऐलान किया था। अगर कोई बैंक किसी भी वजह से दिवालिया होता है तो उस बैंक में जमाकर्ताओं को उनकी रकम पर 1 लाख की जगह 5 लाख रुपए का बीमा मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट में कहा कि अब सभी कॉपरेटिव बैंक को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) रेगुलेट करेगी। देशभर करीब 1500 सहकारी यानी कॉपरेटिव बैंक हैं। इससे पहले आरबीआई निजी और सरकारी नियंत्रित बैंकों को विनियमित करता था। प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि डिपॉजिटर्स (बैंक खाते में पैसा जमा कराने वाले) के लिए एक हफ्ते में दो बड़े कदम उठाएं है। पहला को-ऑपरेटिव बैंक को अब RBI रेग्युलेट करेगा। इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। वहीं, बजट में डिपॉजिट इंश्योरेंस की लिमिट को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का ऐलान किया गया हैं। इस फैसले से 99 फीसदी डिपॉजिटर्स को फायदा होगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि अब देश के सभी कॉपरेटिव बैंक भारतीय रिजर्व बैंक की निगरानी में काम-काज करेंगे। इसके लिए बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट में संशोधन होगा। साथ ही, इन बैंकों में नियुक्ति से लेकर कॉरपोरेट गवर्नेन्स स्ट्रक्चर में बदलाव भी होगा। इसको लेकर RBI की गाइडलाइंस आएंगी।
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