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सेबी की नई व्यवस्था

शेयर बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को भेदिया कारोबार के बारे में सूचना देने वाले व्हिसलब्लोअर्स और अन्य मुखबिरों को पुरस्कृत करने की नई व्यवस्था पेश की। नियामक ने एक बयान में कहा कि नई व्यवस्था के तहत मुखबिर की गोपनीयता को बरकरार रखते हुए सूचना के स्रोत का खुलासा करना जरूरी हो जाएगा। भेदिया कारोबार का मतलब ऐसे कारोबार से है, जहां किसी खास प्रतिभूति के बारे में अप्रकाशित मूल्य संवेदनशील सूचना (यूपीएसआई) होने के साथ प्रतिभूतियों में कारोबार किया जाता है।
सेबी ने कहा, ‘पीआईटी (प्रतिबंधित भेदिया कारोबार) विनियमन के क्रम में कम से कम एक करोड़ रुपये के कारोबार से जुड़ी सूचना देने के मामले में सूचना दी जाएगी।’ नियामक ने कहा कि इसके लिए मुखबिर सूचना कार्यालय (ओआईपी) की स्थापना की गई है, जो स्वैच्छिक सूचना खुलासा प्रपत्र (वीआईडी प्रपत्र) के माध्यम से सूचनाएं लेने वाला एक स्वतंत्र कार्यालय है। सेबी ने कहा कि 26 दिसंबर से वीआईडी प्रपत्र मिलने लगेंगे।
निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए सेबी द्वारा भेदिया कारोबार पर रोक लगाई गई है। जब कंपनी के मैनेजमेंट से जुड़ा कोई व्यक्ति अंदरूनी जानकारी होने के आधार पर शेयर खरीद या बेचकर गलत तरीके से मुनाफा कमाता है तो इसे इनसाइडर ट्रेडिंग कहा जाता है। सेबी कानून 1992 के तहत इनसाइडर ट्रेडिंग अपराध है। सेबी ने बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट्स) को निर्गम खुलने से 30 दिन पहले नियामक और एक्सचेंजों को मसौदा पत्र जमा करने के निर्देश दिए हैं। नियामक ने एक सर्कुलर के माध्यम से कहा कि यह मसौदा सेबी में पंजीकृत एक मर्चेंट बैंकर के माध्यम से जमा किया जाएगा। सेबी ने कहा, ‘यह सर्कुलर 15 जनवरी, 2020 से सभी इन्विट्स द्वारा निजी प्लेसमेंट और सूचीबद्धता के लिए प्रस्तावित सभी इकाइयों पर लागू होंगे।’

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