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छात्र नागरिकता विधेयक का पहले अध्ययन करें, किसी की नागरिकता नहीं छिनेगी : अमित शाह

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष  अमित शाह ने कहा है कि छात्र पहले सिटिजन एमेंडमेंट एक्ट का अध्ययन कीजिये, इस एक्ट में किसी की भी नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान ही नहीं है, यह एक्ट तो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार दुखियारे भाइयों को हिंदुस्तान की नागरिकता देने के लिए है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और टीएमसी छात्रों को गुमराह कर रही है और देश में हिंसा का वातावरण पैदा कर रही है। मैं कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और टीएमसी से भी अपील करता हूँ कि आप इस रास्ते से वापस आ जाइए क्योंकि हिंसा का रास्ता किसी का भला नहीं करता है।

इससे पहे अमित शाह ने झारखंड के पाकुड़ और पोड़ैयाहाट में आयोजित विशाल जन-सभाओं को संबोधित किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री रघुबर दास जी के नेतृत्व में चल रही विकास गाथा को रेखांकित करते हुए उन्होंने विकास की गति को स्थायित्व देने के साथ-साथ और गति देने के लिए एक बार पुनः पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार बनाने की अपील की।

नागरिकता संशोधन क़ानून पर बोलते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह  ने कहा  कि संसद ने नागरिकता संशोधन क़ानून पारित किया है जिसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना का शिकार हुए शरणार्थी अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, इसाई और पारसी भाइयों को भारत की नागरिकता दी जायेगी लेकिन इस पर विपक्षी पार्टियां वोट बैंक की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस जनता को गुमराह कर रही है और सिटिजन एमेंडमेंट एक्ट पर भ्रांतियां फैला रही है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस, आरजेडी और झामुमो के शासनकाल में झारखंड में नक्सलवाद ने अपना पाँव इतना पसार लिया था कि विकास के तमाम रास्ते बंद हो गए थे। विगत पांच वर्षों में मोदी सरकार ने नक्सलवाद को ख़त्म करने का काम किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस न तो विकास कर सकती है, न देश को सुरक्षित रख सकती है और न ही जन-भावनाओं का सम्मान ही कर सकती है। यदि कांग्रेस, आरजेडी और झारखंड मुक्ति मोर्चा यदि ये भी नहीं कर सकती तो जनता उन्हें सत्ता में क्यों बिठाए? कांग्रेस, आरजेडी और झामुमो जब-जब सत्ता में आई, तब-तब उन्होंने केवल और केवल भ्रष्टाचार किया।

यह राजनीतिक अवसरवादिता का उदाहरण नहीं तो और क्या है? वर्षों तक झारखंड के युवा अलग प्रदेश की मांग के लिए संघर्ष करते रहे लेकिन कांग्रेस और आरजेडी के सत्ता में रहते अलग झारखंड का निर्माण नहीं हो पाया। जब केंद्र में श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी, तब जाकर झारखंड एक अलग प्रदेश बना और आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में झारखंड अहर्निश विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है।

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