कोयला मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वह छह कोयला खदान के आबंटन पर विचार कर रहा है। इन कोयला खदानों को बिजली, लोहा और इस्पात तथा कोयला बिक्री जैसे अंतिम उपयोग के लिए निर्धारित किया गया है। मंत्रालय ने बिजली और लोहा तथा इस्पात जैसे अंतिम उपयोग वाले क्षेत्रों के लिए 15 कोयला खादों के आबंटन की प्रक्रिया शुरू की थी। आबंटन प्रक्रिया में 15 में छह कोयला खदानों के लिए आवेदन मिले। कोयला मंत्रालय ने कहा कि आबंटन प्रक्रिया में आवेदनों के मूल्यांकन के आधार पर छह खदानों दुर्गापुर दो तराईमार/दुर्गापुर दो सरैया, मंदाकिनी, उत्कल सी, सुगिया क्लोज्ड माइन और तोकिसुद नार्थ को आबंटित करने पर विचार किया जा रहा है। इन खदानों से देश में कोयला उत्पादन में सालाना 50 लाख टन का इजाफा होगा। इससे उद्योग की आयातित कोयले पर निर्भरता कम होगी।
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