नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर अमेरिका के एक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) ने उन पर बैन लगाने की मांग तक कर दी है। इस मसले पर भारत के विदेश मंत्रालय ने जवाब देते हुए कहा है कि इस संस्थान का जो ट्रैक रिकॉर्ड रहा है, उससे वह चौंके नहीं हैं। फिर भी वे इस बयान की निंदा करते हैं। विदेश मंत्रालय ने बताया कि USCIRF की ओर से जिस तरह का बयान दिया गया है, वह हैरान नहीं करता है क्योंकि उनका रिकॉर्ड ही ऐसा है। हालांकि, ये भी निंदनीय है कि संगठन ने जमीन की कम जानकारी होने के बाद भी इस तरह का बयान दिया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि ‘USCIRF के द्वारा जो बयान दिया गया है वह सही नहीं है और ना ही इसकी जरूरत थी। ये बिल उन धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देता है जो पहले से ही भारत में आए हुए हैं। भारत ने ये फैसला मानवाधिकार को देखते हुए लिया है। इस प्रकार के निर्णय का स्वागत किया जाना चाहिए, ना कि उसका विरोध करना चाहिए। आपको बताते जाए कि लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद अमेरिका के धार्मिक स्वतंत्रता केंद्रीय आयोग (USCIRF) ने दोनों सदनों में बिल पास होने पर गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अमेरिका से प्रतिबंध लगाने की भी मांग कर दी है।
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