रिलायंस इंडस्ट्रीज और बीपी पीएलसी ने पिछले हफ्ते ६ अरब डॉलर के निवेश का ऐलान किया था । उन्होंने बहुत ही कम कॉस्ट में गैस फील्ड को डिवेलप करने और प्रोडक्शन को मार्केट रेट पर बेचने का मौका लपक लिया हैं । उनके ऐलान से सबकी नजरें एक बार फिर कृष्णा गोदावरी बेसिन ब्लॉक पर गड़ गई हैं । जो देश के सबसे रईस शख्स की प्राथमिकता सूची में नीचे सरकता जा रहा था । इस ऐलान की टाइमिंग अहम हैं क्योंकि नया आउटपुट २०२० से शुरु होगा और २०२२ में तिगुना हो जाएगा । मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के मुताबिक तब तक ग्लोबल मार्केट में गैस की अतिरिक्त उपलब्धता खत्म हो चुकी होगी । हाल के वर्षो में प्रोडक्शन बहुत ज्यादा होने से ग्लोबल मार्केट में गैस का दाम खासा गिरा हैं, जिसके चलते इस सेक्टर में नया निवेश नहीं आ रहा हैं । कंपनियों को चुनौतीपूर्ण गैस फील्ड से प्रोडक्शन पर मिलने वाले प्रीमियम प्राइस का फायदा मिलेगा । यह रेट फिलहाल ६.२ डोलर प्रति युनिट है जो नोर्मल फील्ड के आउटपूट से डबल से ज्यादा हैं । वहीं ब्रोकरेज फर्म इडलवाइज ने अनुमान दिया है कि डीप वॉटर रिग की कॉस्ट २०१४ के बाद आधी रह गई हैं । रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और बीपी के सीईओ बॉब डडली ने जिस प्लान का ऐलान किया है, उससे उनको केजी बेसिस की संभावनाओं वाली फील्डस से कमाई करने में बहुत मदद मिलेगी । केजी बेसिन लंबे समय से विवादों में घिरा रहा हैं। एनालिस्टों का कहना है कि रिलायंस बीपी की योजना से इंडिया के एक्स लोरेशन और प्रोडक्शन सेक्टर में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ेगी ।