देश के महत्त्व पूर्ण राज्य महाराष्ट्र में भाजपा फिसल गई है. एनसीपी के बागी नेता अजित पवार द्वारा लाइ गई विधायको की सूचि के अधर पर सरकार तो बनाई लेकिन 80 घंटे में सरकार गिर गई. इसके साथ ही राजनीतिक तौर पर देखा जाए तो पिछले 11 महीनो में भाजपा-NDA ने 4 बड़े राज्य गवा दीए. जिसके चलते राजनीतिक हलकों में अब यह कहा जा रहा है की क्या मोदी का जादू कम हो रहा है…? खुल जा सिम सिम की बजाए अब बंध होजा सिम सिम हो रहा है…?
महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान के बाद भाजपा के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार के गिर जाने के बाद उपजे हालात में प्रदेश को नई सरकार मिलेगी। लेकिन इस पूरी सियासी उठापटक से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानि एनडीए को झटका भी लगा है। एनडीए का साल 2017 में 72 फीसदी आबादी पर शासन था। मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में सत्ता उसके हाथ से जाने पर वह 41 फीसदी आबादी तक सीमित होकर रह गया है।
मिजोरम और सिक्किम जैसे छोटे राज्य एनडीए के खाते में आए हैं। इस तरह से अब 17 राज्यों में एनडीए सरकार है। इनमें से 13 राज्यों में भाजपा और चार राज्यों में सहयोगी दलों के मुख्यमंत्री हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तो पहले से ही एनडीए सत्ता से दूर है, अब आर्थिक राजधानी में भी भाजपा सत्ता से बाहर हो गई है। बता दें कि महाराष्ट्र की कुल जीडीपी करीब 30 लाख करोड़ रुपए है। यह देश की जीडीपी का 14 फीसदी हिस्सा है।
देश के 40 फीसदी से ज्यादा कॉर्पोरेट ऑफिस महाराष्ट्र में ही हैं। चुनावी चंदे में इनका बड़ा योगदान है। उत्तर प्रदेश के बाद सबसे ज्यादा 48 लोकसभा सीटें महाराष्ट्र में हैं। यही वजह है कि एनडीए के लिए महाराष्ट्र काफी अहम है। भाजपा तमिलनाडु में सरकार के साथ है, लेकिन विधायक एक भी नहीं है।
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