अहमदाबाद शहर के उत्तरजॉन एस्टेट विभाग में जिम्मेदारी संभालते वोर्ड इन्स्पेक्टर और सब इन्स्पेक्टर पर शुक्रवार के दिन हुए हमले के बाद गैर कानूनी निर्माणकार्य तोड़ने के मामले में एसआरपी की मदद लेने की म्युनिसिपल तंत्र की घोषणा गलत साबित हुई हैं । मिली जानकारी के अनुसार एक समय में अहमदाबाद शहर में बनते गैर कानूनी निर्माणकार्य तोड़ने के लिए अलायजी डीमोलीशन स्कवोर्ड कार्यरत थी और फिर रद्द कर दी गई । यह स्कवोर्ड को रद्द करने के बाद म्युनिसिपल तंत्र के डेप्युटी एस्टेट अधिकारियों से लेकर वोर्ड इन्स्पेक्टर तक के कर्मचारियों ने जिस अनुसार शहर के विभिन्न इलाकों में गैरकानूनी निर्माणकार्य गिराने के लिए आरटीआई के तहत अर्जिया कर रहे तत्वों को पनाह देने के लिए बिल्डर के संपर्क कराने के कारण शहर में गैरकानूनी निर्माणकार्य करने वाले लोगो को मैदान मिला था । इम्पेक्ट जैसा कानून अमल में होने के बावजूद कई बार कई मामलों में २८ मार्च २०११ के बाद बनाए गए निर्माणकार्य भी इम्पेक्ट फीस के मामलों में डालकर म्युनिसिपल कोर्पोरेशन के अधिकारियों ने ही लापरवाही का काम किया हैं । जिसके परिणाम से शहर के उत्तरजोन में गत शुक्रवार के दिन कुबेरनगर वोर्ड में वोर्ड इन्स्पेक्टर और सब इन्स्पेक्टर पर हमला करने की घटना के बाद शहर के मेयर गौतम शाह दोनों से मिलने अस्पताल पहुंचे थे । कुछ समय पहले स्टेन्डिंग कमिटी की बैठक में गैरकानूनी निर्माणकार्य तोड़ने एसआरपी की टीम की सहाय लेने मंजूरी दी गई थी । लेकिन फिर भी अब तक सहाय नहीं ली गई हैं।
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