चीफ जस्टिस का दफ्तर RTI के दायरे में आए या नहीं, इस मामले पर चीफ जस्टिस की अगुआई वाली बेंच आज फैसला करेगी। इस मामले में 4 अप्रैल को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुआई वाली संविधान बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सीआईसी ने आदेश में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का दफ्तर आरटीआई के दायरे में होगा। इस फैसले को होई कोर्ट ने सही ठहराया था। हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने 2010 में चुनौती दी थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे कर दिया था और मामले को संविधान बेंच को रेफर कर दिया था।
मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस के दफ्तर को आरटीआई के दायरे में लाए जाने की वकालत करते हुए वकील प्रशांत भूषण की दलील थी कि जजों की नियुक्ति और ट्रांसफर एक रहस्य सा बना हुआ है। इसे एक अलौकिक विषय की तरह रखा गया है। पारदर्शिता की तरफ बढ़ता हर कदम संस्थान के प्रति आम लोगों का भरोसा बढ़ाता है।
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