रेरा (रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथोरिटी) के अस्तित्व में आने के बाद डिवेलपर्स नए प्रोजेक्ट्स को लॉन्च करने में फूंक- फूंक कर कदम बढ़ा रहे हैं । पिछले सप्ताह एक रिसर्च ग्रुप की ओर से जारी हालिया सर्वे में स्पष्ट हुआ है कि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के मुकाबले मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान पूरे महाराष्ट्र में बहुत कम प्रोजेक्ट्स लॉन्च हुए । कॉलियर्स इंटरनैशनल इंडिया की रिपोर्ट पहली तिमाही को रेरा इंपेक्टेड (रेरा से प्रभावित) करार दिया और कहा कि पिछले साल के मुकाबले मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में २४ प्रतिशत कम प्रोजेक्ट्स लॉन्च हुए है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जहां ६५०० प्रोजेक्ट्स लॉन्च हुए थे । वहीं इस वर्ष की पहली तिमाही में महज ४९० प्रोजेक्ट्स ही लॉन्च हो पाए । सेक्टर से जुड़े सूत्रों ने बताया कि अथोरिटी में रजिस्ट्री कराने के क्रम में डिवेलपरों का सामना अजनबी पहलुओं से हो रहा हैं । मार्केट अससेमेंट के आधार पर रिपोर्ट कहती हैं कि कुछ वक्त के लिए यह गिरावट जारी रह सकती है क्योंकि डिवेलपर नए कानूनों से तालमेल बिठाने में अब भी जद्दोजहद कर रहे हैं । मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मुंबई में एक मीटिंग के दौरान कहा था कि रेरा रजिस्ट्रेशन की मियाद ३१ जुलाई के बाद नहीं बढ़ाई जाएगी । बिल्डरों के लिए राहत की सिर्फ एक बात यही है कि सीएम ने दो सालों तक नरमी बरतने का आश्वासन दिया हैं । कॉलियर्स एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर रवि आहुजा ने कहा कि (उचित फ्लोर स्पेस इंडेक्स नॉर्म्स के मुताबिक) स्वीकृत लेआउट प्लांस और इससे जुड़े नियम डिवेलपरों के सेल प्लान और चार्जेबल एरियाज से अलग हैं ।