मध्यप्रदेश में दो अनुसूचित जाति के बच्चों की हत्या के विरोध में गुजरात में भी इसकी कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है । विशेष करके साबरकांठा जिले के इडर में १०५ लोगों ने बौद्ध धर्म में परिवर्तित हो गए । जिसकी वजह से सनसनी मच गई और प्रशासन सक्रिय हो गया । इस मामले में इडर के अनुसूचित जाति के लोगों ने उपकलेक्टर को लिखित में पेशकश किए जाने का दावा किया गया । बौद्ध धर्म में परिवर्तित होने वाले बुजुर्ग, महिलाएं बच्चे भी शामिल है । एक साथ १०५ लोग बौद्ध धर्म में परिवर्तित होने से प्रशासन के अधिकारी सक्रिय हो गये ।
साबरकांठा के इडर में १०५ से ज्यादा अनुसूचित जाति के लोगों ने सामाजिक बहिष्कार सहित मध्यप्रदेश में हुई दो बच्चों की हत्या मामले में बुधवार को बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया । सामाजिक तरीके से अन्य धर्म की अपेक्षा बौद्ध धर्म में अपना विकास होने की बात करके एक साथ बौद्ध धर्म अपनाया गया । पिछले कई दिनों से अनुसूचित जाति के लोगों के मुद्दे पर राजनीति होने से प्रतिदिन विरोधाभास पैदा कर रहे हैं । उल्लेखनीय है कि, भिलोडा में २०१७ में साबरकांठा-अरवल्ली जिला बौद्धधर्म दीक्षा समारोह समिति द्वारा आयोजित दीक्षा समारोह में एससी, एसटी और ओबीसी समाज के २०० उपासकों ने बौद्ध धर्म में परिवर्तित हो गये । बौद्ध धर्मगुरु द्वारा दीक्षा दी गई थी । गत २५ सितंबर को मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के भावखेडी गांव में सुबह में पांच बजे खुले में शौच करते १० वर्षीय अश्विन और १३ वर्षीय रोशनी को गांव के लोगों द्वारा पिटाई करके हत्या कर दी गई । दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई । दोनों को घायल हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया । हत्या के आरोपी दो भाईयों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया । पुलिस ने यह मामले में अपराध दर्ज करके जांच शुरू कर दी है । आरोपी में से एक की पूछताछ की गई तब उसने कहा कि सपना में राक्षसों का संहार करने का आदेश मिला । बच्चों के अभिभावकों और समाज के लोग आरोपियों को फांसी की सजा की मांग कर रहे हैं ।
પાછલી પોસ્ટ