इस वर्ष में भारी बारिश की वजह से पहली बार नर्मदा बांध अपनी ऐतिहासिक १३८ मीटर के स्तर पर पहुंच गया । बांध में पानी की आवक होने पर दो महीने में करीब ३६० करोड़ रुपये की बिजली का उत्पादन हुआ है । बांध ओवरफ्लो होने की वजह से आगामी दो वर्ष तक गुजरात को सिंचाई और पीने का पानी मिलेगा । अभी भी नर्मदा बांध के जलस्तर में वृद्धि दर्ज किया जा रहा है ।
९ अगस्त को रात में जब पानी की आवक बढ़ गई और ८ से १० लाख क्युसेक पानी आया । जिसकी वजह से बांध की सुरक्षा को लेकर छह लाख क्युसेक पानी छोड़ा गया । तब से अभी तक लगातार पानी छोड़ा जा रहा है । नर्मदा बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है । जिसे ६० दिन पूरा हुआ है ।
यह ६० दिन में करीब ८० लाख क्युसेक से ज्यादा पानी नर्मदा में बह गया है । हालांकि, इसके भरूच का खाराश का पट्ट सुधर गया है । यह ६० दिन में लगातार रिवरबेड पावर हाउस और नहर हेड पावर हाउस भी चल रहा है । यह दोनों पावर हाउस रोजाना ३००० मेगावाट बिजली उत्पादन करते है । यानी कि रोजाना की करीब ६ करोड़ की हररोज की बिजली उत्पादन हो रही है । अभी सरदार-नर्मदा बांध का जलस्तर १३०.४० मीटर है । बांध में ८८,९५१ क्युसेक पानी की आवक हो रही है । जबकि बांध के पांच दरवाजे खोलकर ९६,७८१ क्युसेक पानी नर्मदा नदी में छोड़ा जा रहा है । पिछले २४ घंटे के दौरान सीएचपीएच-भूगर्भ जल बिजली केन्द्र द्वारा २९,४६० मेगावाट बिजली उत्पादन हुआ है । जबकि सीएचपीएच-नहर हेड पावर हाउस में भी ५० मेगावाट के यूनिट द्वारा पिछले २४ घंटे के दौरान १,८७४ मेगावाट का बिजली उत्पादन दर्ज किया गया है । इस तरह नर्मदा बांध ओवरफ्लो होने पर गुजरात के लिए पानी और बिजली दोनों तरीके से लाभ साबित हुआ है ।