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पीएम-किसान योजना से पश्चिम बंगाल की दूरी के बवाजूद राज्या के 7-8 हजार किसान पंजीकृत : तोमर

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना से इंकार के बावजूद प्रदेश के लगभग 7,000-8,000 किसानों ने इस योजना से 6,000 रुपए वार्षिक लाभ प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि संघीय व्यवस्था के मानदंडों की मर्यादा के कारण केंद्र हइन किसानों को योजना का लाभ नहीं दे सकता है। 87,000 करोड़ रुपए की इस योजना के तहत, सरकार किसानों को तीन समान किस्तों में 6,000 रुपये प्रति वर्ष की राशि प्रदान कर रही है। पिछले महीने, सरकार ने स्व-पंजीकरण के लिए पीएम-किसान पोर्टल खोला। तोमर ने यहां 11 से 13 अक्टूबर के बीच आयोजित होने वाले इंडिया इंटरनेशनल कोऑपरेटिव्स ट्रेड फेयर की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘अब तक तीन लाख किसानों ने पोर्टल पर स्वयं-पंजीकरण कराया है। लगभग 7,000-8,000 किसान पश्चिम बंगाल से है।” उन्होंने कहा कि इन किसानों को इसका लाभ नहीं मिल सकता है क्योंकि उनके नाम को राज्य प्रशासन द्वारा उन्हें पीएम-किसान योजना के लिए पात्र घोषित/प्रमाणित किया जरूरी है।
तोमर ने कहा, ‘‘हम संघीय मानदंडों की अनेदखी नहीं कर सकते। हमने योजना को जल्द से जल्द लागू करने के लिए पश्चिम बंगाल को पत्र लिखा है। इस योजना से राज्य के 70 लाख किसान लाभान्वित होंगे, जिन्हें साल में लगभग 4,200 करोड़ रुपए मिलेंगे।” पीएम-किसान पोर्टल पर, जिन किसानों ने अभी तक पंजीकरण नहीं कराया है, वे अपना पंजीकरण करा सकते हैं। इसके अलावा, नामांकित किसान अपने खातों में किए गए संवितरण की स्थिति की जांच करने के लिए पोर्टल तक पहुंच सकते हैं। वे पोर्टल से ही अपना आधार कार्ड का प्रमाणीकरण भी करवा सकते हैं। अभी तक, सरकार ने अब तक 6.55 लाख किसानों को 24,000 करोड़ रुपए की एक से अधिक किस्तें अदा की हैं। रबी (सर्दियों) की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि कृषि मंत्रालय जल्द ही कृषि सलाहकार निकाय सीएसीपी की सिफारिश को ध्यान में रखते हुए एक मंत्रिमंडलीय परिपत्र लायेगा। तोमर ने कहा, ‘‘हमें सीएसीपी से सिफारिशें मिली हैं। हम जल्द ही कैबिनेट नोट तैयार करेंगे। हमारे पास अभी भी समय है।” गेहूं मुख्य रबी फसल है, जिसकी बुवाई नवंबर से शुरू होती है।

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