आईएनएक्स मीडिया मामले में अरेस्ट किए गए पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने गृह मंत्री अमित शाह के ‘एक देश एक भाषा’ के विचार का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह सोचना कि सिर्फ हिंदी ही पूरे देश को एकजुट करेगी, बेहद खतरनाक है । चिदंबरम के हैंडल से बुधवार को ट्वीट किया गया कि वह इस विचार का समर्थन करते हैं कि भाषाओं का विकास किया जाना चाहिए, लेकिन वह इस बात को कभी नहीं स्वीकार कर सकते कि सिर्फ हिंदी ही देश को एकजुट करेगी । तिहाड़ जेल में बंद चिदंबरम की तरफ से उनके टि्वटर हैंडल को उनका परिवार मैनेज कर रहा है । उनके हैंडल से किए गए ट्वीट के मुताबिक, मैंने अपने परिवार से कहा है कि वे मेरे तरफ से यह ट्वीट कर ेः यह बेहद खतरनाक विचार है कि सिर्फ हिंदी ही पूरे देश को एकजुट कर सकती है । तमिल भाषी और अन्य भाषा बोलने वाले, हिंदी को थोपे जाने को स्वीकार नहीं करेंगे । तमिल में किए गए ट्वीट में उन्होंने कहा, हम भाषाओं के विकास का समर्थन करते हैं ।
चिदंबरम ने इसके साथ ही टीएनसीसी प्रेजिडेंट के.एस.अलागिरी से अपील की कि वे २० सितंबर को डीएमके द्वारा हिंदी को थोपे जाने के खिलाफ करने जा रहे प्रदर्शन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जुड़ने कहें । उल्लेखनीय है कि हिंदी दिवस पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक देश-एक भाषा की बात की थी जिसके बाद दक्षिण भारत के राजनीतिक दल इसके विरोध में उतर आए हैं । डीएमके के एम के स्टालिन ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार तमिलनाडु के लोगों पर जबरन हिंदी भाषा थोपी जा रही है । उनके बाद फिल्म जगत से राजनीति में कदम रखने वाले कमल हासन ने भी एक देश एक भाषा का विरोध करते हुए कहा कि भारत १९५० में अनेकता में एकता के वादे के साथ गणतंत्र बना था और अब कोई शाह, सुल्तान या सम्राट इससे इनकार नहीं कर सकता है ।
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