राजकोट में गायों की दयनीय और बदतर स्थिति के मुद्दे पर गुजरात हाईकोर्ट ने सुओमोटो व्यू लेकर खुद ही पीआईएल दाखिल की थी । हाईकोर्ट ने इस केस में राज्य सरकार, राजकोट म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन सहित के संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी किया गया था और केस की आगे की सुनवाई आगामी दिनों में रखी थी । हाईकोर्ट ने गायों के मामले में राज्य सरकार के पास से जवाब भी मांगा गया है । इस बारे में जानकारी यह है कि, राजकोट म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के सीमा क्षेत्र में गायों की दयनीय दुर्दशा के मामले में निरंजन आचार्य नाम के जागृत नागरिक ने गुजरात हाईकोर्ट को पत्र लिखने पर हाईकोर्ट ने समग्र मामले को गंभीरता से लिया था और इस केस में खुद ही सुओमोटो व्यू लेकर पीआईएल दाखिल की थी । नागरिक ने अपने पत्र के साथ राज्य में गायों की स्थिति और बदतर हालत के बारे में फोटोग्राफस भी भेजा था । हाईकोर्ट ने दाखिल की सुओमोटो पीटिशन की सुनवाई के दौरान गायों की दयनीय और बदतर स्थिति के बारे में स्थानीय सत्ताधीशों से लेकर राज्य सरकार की गंभीर लापरवाही और उपेक्षा को लेकर गंभीर नाराजगी व्यक्त की थी । राजकोट म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के सीमा क्षेत्र में गायों की खराब दुर्दशा और पांजरापोल में गायों को बिनस्वास्थ्यप्रद स्थिति में रखने के लिए हाईकोर्ट ने राजकोट म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन सत्ताधीशों को फटकार लगाया गया था । सत्ताधीशों की लापरवाही और उपेक्षा के कारण गायों की अकाल मृत्यु के मुद्दे भी पत्र में शिकायत की गई होने से हाईकोर्ट ने इस मामले में संबंधित सत्ताधीशों को फटकार लगाया था ।
પાછલી પોસ્ટ