सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया को फाइनैंशनल इयर २०१८-१९ में ४,६०० करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग लॉस हुआ है । इसकी वजह तेल की कीमतों में इजाफा होना और फॉरेन एक्सचेंज में नुकसान होना है । हालांकि वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक कर्ज में डूबी कंपनी को २०१९-२० में कुछ लाभ होने की उम्मीद है । कठिन कारोबारी स्थितियों के चलते एयरलाइन कंपनी का नेट लॉस ८,४०० करोड़ रुपये था, जबकि कुल रेवेन्यू २६,४०० करोड़ रुपये रहा । एक अन्य अधिकारी ने बताया कि २०१९-२० में कंपनी ७०० से ८०० करोड़ रुपये का ऑपरेशनल प्रॉफिट होने का अनुमान है ।
मौजूदा वित्त वर्ष में अभी तक तेल की कीमतों में कोई तेज उछाल नहीं आया है, इसके अलावा फॉरेन एक्सचेंज रेट्स में भी ज्यादा फेरबदल न होने के चलते लाभ की उम्मीद है । हालांकि कंपनी को जून में समाप्त हुई तिमाही में १७५ से २०० करोड़ रुपये तक का नुकसान हुआ है । कंपनी को यह नुकसान पाकिस्तान की ओर से भारत के लिए एयरस्पेस बंद करने के चलते हुआ था । इसके चलते उड़ानों के परिचालन की लागत बढ़ गई और कंपनी को हर दिन ३ से ४ करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़े । इससे पहले भारत की ओर से फरवरी में पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक के चलते भी कंपनी को नुकसान उठाना पड़ा था । तब पाकिस्तान ने भारत के लिए एयरस्पेस बंद कर दिया था और फरवरी से मार्च के बीच कंपनी को ४३० करोड़ रुपये का लॉस हुआ था ।
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