जम्मु कश्मीर के कई इलाको में मंगलवार शाम से देर रात तक एक के बाद एक ६ आतंकी हमले हुए । कश्मीर में अलग अलग जगहो पर सीआरपीएफ पुलिस और सेना के ठिकानो को निशाना बनाया गया । इन आतंकी वारदात के पीछे जैश ए मोहम्मद का हाथ होने की बात सामने आ रही है । इस बीच, बुधवार को नौशेरा क्षेत्र में पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर का उल्लंधन करते हुए गोलीबारी की । माना जाता है कि आतंकियो की घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तानी सेना कवर फायर देती है । इस बीच, जल्द शुरु होने वाली अमरनाथ यात्रा और रमजान के दौरान आतंकी हमलो के अनपुट्स के मद्देनजर सभी एजेंसीयो सर्तक है । वहीं, सीआरपीएफ के डीजी राजीव राय भटनागर ने बताया कि कल के हमलो के मद्देनजर सभी कैपो को हाई अलर्ट पर रखा गया है । २९ जुन से ४० दिन की अमरनाथ यात्रा शुरु हो रही है । खुफिया एजेंसियो को आशंका है कि शुक्रवार को रमजान के १७वें रोजे के दिन आतंकी किसी बडी वारदात को अंजाम दे सकते है । अमरनाथ यात्रा को लेकर डीजीपी एसपी वैद ने कहा, यात्रियो की सुरक्षा के लिए हमने सभी इंतजाम किए है । किसी को भी चितित होने की जरुरत नहीं है । यात्रा पुरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगी । बता दे कि रमजान के महीने में आतंकी घटनाओं में इजाफे की आशंका सुरक्षाबलो को पहले से ही थी । वही, अमरनाथ यात्रा को लेकर भी सुरक्षा एजेंसियां बेहद सतर्क है । डीजीपी एसपी वैद ने कहा कि घाटी में हिजबुल मुजाहिद्दीन का व्यापक प्रभाव है । हालांकि, मंगलवार को हुए सिरियल हंमलो में जैश ए मोहम्मद का हाथ है । अंटिलिजेस सुत्रो से यह जानकारी मिली है । डीजीपी वैद्य ने यह भी कहा कि स्थिति पुरी तरह से नियत्रण में है और संवेदनशील इलाको में सुरक्षा के इंतजाम और पुख्ता कर दिए गए है । बता दे कि मंगलवार को हुए ताबडतोड हमलों के दौरान सुरक्षाबलो के ठिकानो को निशाना बनाने की कोशिश के अलावा हाई कोर्ट के पूर्व जज मुजफ्फर हुसैन के सुरक्षा गार्ड को लोगी मार दी गई । इन हमलो में १२ जवान घायल हुए । बौखलाए आतंकियो ने कई जगह अटैक कर अपनी मौजुदगी दर्ज कराने की नाकाम कोशिश की है । सुत्रो के मुताबिक, पिछले करीब महीने भर में सुरक्षा बलो को आतंकियो के खिलाफ मिल रही कामयाबी और अलगाववादियो के खिलाफ एनआईए के एक्शन से भारत विरोधी तत्वो के बीच बैचेनी पैदा हो गई है । सीमा पार के कुछ इंटरसेप्ट्स से भी लगता है कि हिजबुल और लश्कर के सरगना बौखला रहे है । अब जैश ए मोहम्मद को भी ज्यादा एक्टिव होने के लिए कहा गया है । सेना और अन्य सुरक्षा बलो की मदद से कश्मीरी युवाओं द्वारा कई बडे एग्जाम पास करना, लडकियों सहित बडी संख्या में युवाओं द्वारा खेलो से हिस्सा लेना, यह सब भी आतंकियो और अलगाववादियो के लिए परेशानी का सबब है ।