राज्य में १८ जिले, दो वर्ष में १३,४३,७१,४०१ वर्ग मीटर सरकारी खराब और गोचर की भूमि बिक्री या किराये पर भाजपा सरकार ने दे दिया है । गौमाता और गोचर के नाम पर ५८० करोड़ रुपये का घोटाला करके सरकारी पैसे का गबन करने वाले के खिलाफ तुरंत पुलिस शिकायत करने के लिए गुजरात कांग्रेस ने मांग की है । इसके साथ ही कांग्रेस द्वारा बहुत ही गंभीर आरोप लगाया गया है कि, भाजपा सरकार के शासन में राज्य के ३१ जिलों के २७५४ गांवों में गोचर नहीं है या गोचर भूमि गायब हो चुकी है तब पशुधन और पशुपालकों की हालत बदतर बन चुकी है ।
इस मामले में गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति के मुख्य प्रवक्ता डॉ. मनीष दोशी ने बताया है कि, गुजरात सरकार द्वारा वर्ष २०१५ में गुजरात राज्य में गोचर डेवलोपमेन्ट और गौ-सेवा के लिए १०० गांवों में १०० करोड़ रुपये की ग्रांट हर वर्ष आवंटित कराने की घोषणा के तहत पिछले चार वर्ष के दौरान गोचर सुधार के लिए ६०० करोड़ रुपये की ग्रांट आवंटित कराई गई, लेकिन इस ग्रांट की अधिकतर कामकाज सिर्फ कागज पर ही रही है । वास्तव में बोर्ड के अधिकारियों, कर्मचारियों और पदाधिकारियों ने यह ग्रांट का अपने निजी उद्देश्य के लिए घोटाला करके सरकारी पैसे का गबन किए जाने की वजह से इस मामले में जांच की मांग करते हुए डॉ. दोशी ने गुजरात सरकार द्वारा पिछले चार वर्ष के दौरान गौसेवा और गोचर विकास बोर्ड गांधीनगर की ऑफिस को करीब ६०० करोड़ रुपये ग्रांट गोचर की भूमि के विकास के लिए और गौमाता की सुरक्षा के लिए आवंटित कराई गई, लेकिन बोर्ड द्वारा पिछले चार वर्ष के दौरान यह ग्रांट की रकम गुजरात की १८० ग्राम पंचायतों और ३८ पांजरापोल को मिलाकर कुल २० करोड़ रुपये की ग्रांट इस्तेमाल की गई है । बाकी के ५८० करोड़ रुपये कौन हड़प कर गया डॉ. दोशी ने आगे बताया कि, जिस ग्राम पंचायतों को गोचर की भूमि को सुधारने के लिए ग्रांट आवंटित कराई गई थी । इसमें भी अधिकतर पंचायतों द्वारा सिर्फ कागज पर कामकाज किया गया है ।